सुप्रीम कोर्ट ने कहा-टैलेंटेड आर्टिस्ट चला गया, सच सामने आना जरूरी

सुशांत मामले की सीबीआई जांच होगी, केंद्र ने बिहार सरकार की सिफारिश मंजूर की

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की अर्जी पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा, एक गिफ्टेड और टैलेंटेड आर्टिस्ट चला गया। असामान्य हालात में उनकी मौत हुई। सच्चाई सामने आनी चाहिए। रिया ने सुशांत के पिता की ओर से पटना में दर्ज करवाए केस को मुंबई ट्रांसफर करने की अपील की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार, महाराष्ट्र सरकार और सुशांत के पिता से 3 दिन में जवाब मांगा है। एक हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी।

बिहार के अफसर को क्वारैंटाइन करने से अच्छा मैसेज नहीं गया – कोर्ट

महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि सुशांत मामले की जांच पटना पुलिस के दायरे में नहीं आती, न ही वहां एफआईआर हो सकती है। यह राजनीतिक मामला बना दिया गया है। दूसरी तरफ सुशांत के पिता के वकील ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस सबूत मिटा रही है। कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस के अफसर को क्वारैंटाइन करने से अच्छा मैसेज नहीं गया, भले ही महाराष्ट्र पुलिस की प्रोफेशनल रेपुटेशन अच्छी हो।

इस बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र ने मंजूर कर ली है। सुप्रीम कोर्ट में रिया की याचिका पर बिहार और महाराष्ट्र सरकारों ने कैविएट फाइल की थी। सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने भी कैविएट लगाई थी, ताकि उनका पक्ष जाने बिना रिया की अर्जी पर कोई फैसला नहीं सुनाया जा सके।

रिया पर आरोप- सुशांत को ब्लैकमेल किया

सुशांत के पिता ने 26 जुलाई को पटना के राजीव नगर पुलिस स्टेशन में रिया और उनके परिवार के 3 सदस्यों और 2 मैनेजरों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। उन्होंने पैसे वसूलने, ब्लैकमेल करने, सुसाइड के लिए उकसाने और प्रताडऩा के आरोप लगाए थे। पटना पुलिस ने चार पुलिस अफसरों की टीम बनाकर मुंबई भेजी है।

डीसीपी ने कहा- सुशांत के रिश्तेदार आईपीएस ने रिया पर दबाव डालने को कहा था

डीसीपी परमजीत सिंह दहिया ने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, हरियाणा पुलिस के सीनियर आईपीएस ओपी सिंह जो कि सुशांत के जीजा हैं, उन्होंने फरवरी में कहा था कि रिया पर दबाव डालकर सुशांत से रिलेशनशिप खत्म करवाएं। उन्होंने 18 और 25 फरवरी को वॉट्सऐप पर इनफॉर्मल रिक्वेस्ट की थी। मैंने उनसे कहा था कि इस तरह किसी को पुलिस स्टेशन बुलाकर हिरासत में नहीं रख सकते। आप लिखित शिकायत दीजिए, उसके आधार पर जांच की जाएगी।