कोलकाता रेप-मर्डर केस में सुप्रीम सुनवाई आज

सुप्रीम कोर्ट
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कोलकाता/नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सीबीआई ने केस की स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है। एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि 9 दिन की जांच में अब तक क्या जानकारी मिली है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को रेप-मर्डर केस सीबीआई को सौंपा था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को ष्टक्चढ्ढ से जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। उधर कोलकाता पुलिस ने भी 14-15 अगस्त की रात अस्पताल में हुई तोडफ़ोड़ की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में लापरवाही बरतने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस को फटकार भी लगाई थी।

मेडिकल कॉलेज की नई प्रिंसिपल का भी ट्रांसफर

मेडिकल कॉलेज
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पश्चिम बंगाल सरकार ने 21 अगस्त को देर रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की नई प्रिंसिपल डॉ. सुरहिता पाल, मेडिकल सुपरिनटैंडैंट डॉ. बुलबुल मुखोपाध्याय और चेस्ट डिपार्टमेंट की एचओडी अरुनभा दत्ता का तबादला कर दिया गया। रेप-मर्डर केस को लेकर बीते 11 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने इन सभी अधिकारियों को हटाने की मांग की थी। डॉ. सुरहिता पाल की जगह मानस कुमार बंद्योपाध्याय को नया प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तबादले के आदेश को भी रद्द कर दिया है। इधर, मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कलकत्ता हाईकोर्ट से पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ ईडी जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि घोष के कार्यकाल में कई वित्तीय गड़बड़ी हुईं।

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर आरोप…

फस्र्ट ईयर के स्टूडेंट्स को टारगेट कर परेशान कराना, उनकी रैगिंग कराना, उन्हें शराब पिलाना।
फस्र्ट ईयर की फीमेल स्टूडेंट्स और अस्पताल की महिला कर्मियों को टारगेट करके उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना।
संदीप घोष की शह पर स्टूडेंट्स का अस्पताल में बाहर से लड़कियां लेकर आना।
पैसे लेकर छात्रों को एग्जाम में पास कराना, छात्रों के साथ बैठकर शराब पीना।
अनक्लेमड डैड बॉडी को प्राइवेट हॉस्पिटल को दे देना, शवों की हेराफेरी करना।

अस्पताल सीआईएसएफ के हवाले, 4 पुलिस अफसर सस्पेंड

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठाए जाने के बाद बुधवार (21 अगस्त) को बंगाल सरकार हरकत में आई। अस्पताल में तोडफ़ोड़ मामले में बंगाल सरकार ने 2 असिस्टेंट कमिश्नर और 2 इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को कॉलेज में सीआईएसएफ तैनात करने के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार शाम को 150 जवान तैनात किए गए हैं। फोर्स ने रेजीडेंट डॉक्टरों के होस्टल और अन्य जगह भी मोर्चा संभाल लिया है।

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