
हार्ट हेल्थ : कम उम्र में तेजी से दौडऩा-भागना या फिर रेस लगाना कितना अच्छा लगता है। लेकिन 40 के बाद अगर हम बहुत तेजी से दौडऩा या फिर भागना चाहें तो ऐसा करने में परेशानी महसूस होती है। ऐसे इसलिए क्योंकि अब हम में पहले जितनी एनर्जी और स्ट्रेंथ नहीं होती। इस उम्र में कई बार जब हम दौड़ते हैं, तो अपना सारा एफर्ट लगा देते हैं। लेकिन जब रुकते हैं, तो बहुत जोर-जोर से हांफने लगते हैं।
कई बार ऐसे ही चलते हुए या फिर सीढियां चढऩे और उतरने पर भी अगर आप हांफने लगते हैं, तो ये आपके हार्ट हेल्थ की कमजोरी को दर्शाता है। कई बार मोटापे की वजह से भी हम हांफते हैं, लेकिन मोटापा भी तो हार्ट हेल्थ को ही प्राभावित करता है। ऐसे में हमें 40 के बाद खुद के हार्ट हेल्थ के लिए डॉक्टर से इन पांच टेस्ट को जरूर कराना चाहिए और अपने हार्ट हेल्थ को मजबूत बनाए रखना चाहिए।
हार्ट हेल्थ : इकोकार्डियोग्राम

हार्ट वाल्व के फंक्शन और दिल की धडक़न की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम टेस्ट किया जाता है। ये परीक्षण तब होता है, जब आपकी हार्टबीट तेज हो, जैसे एक्सरसाइज करने के तुरंत बाद। इस टेस्ट में डॉक्टर साउंड वेब की मदद से आपके हार्टबीट किस तरह से हो रही है और साथ ही ब्लड किस तरह मूव कर रहा है, इसका पता लगाते हैं।
ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट

इस टेस्ट के द्वारा खून में शुगर की मात्रा की जानकारी ली जाती है। डायबिटीज और हार्ट पेशेंट के लिए ये टेस्ट बेहद जरूरी होता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)
ये टेस्ट हार्ट बीट में होने वाले बदलाव को मॉनिटर कर हार्ट अटैक की जांच के लिए किया जाता है।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)
हमारा हार्ट वाल्व कैसे काम कर रहा है, हमारे पूरे हार्ट स्ट्रक्चर का आकलन, और हार्ट मसल्स के अंदर स्कार टिश्यू की जांच के लिए ही इस परीक्षण किया जाता है।
सीटी स्कैन
सीटी स्कैन कभी भी कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज और पूरे हार्ट स्ट्रक्चर का आकलन करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग हार्ट और ब्लड वेसेल्स में होने वाली समस्याओं की जांच की लिए किया जाता है।
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