टाटा ट्रस्ट ने सौंपे चार कोविड-19 उपचार केन्द्र

मुंबई। टाटा ट्रस्ट्स ने चार सरकारी अस्पताल की इमारतों को कोविड-19 उपचार केंद्रों के रूप में अपग्रेड किया है और उन्हें संबंधित प्रशासन को सौंप दिया है। इनमें से दो अस्पताल उत्तर प्रदेश और दो महाराष्ट्र में हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले और बगैर भर्ती हुए इलाज कराने वाले दोनों तरह के मरीजों के लिए ये सुविधाएं स्थायी हैं और इन स्थानों में मौजूदा हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाती हैं।

यह टाटा ट्रस्ट के चार-सूत्रीय नजरिये का हिस्सा है। मार्च महीने की शुरुआत में चेयरमैन रतन एन. टाटा ने इसका उद्देश्य कोविड-19 से निपटने में भारत को समर्थन देना बताया था। टाटा ने कहा था, कोविड -19 संकट मानव जाति के सामने आने वाली सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है और इससे लडऩे के लिए तत्काल आपातकालीन संसाधनों को तैनात करने की आवश्यकता है।

महाराष्ट्र में, ट्रस्ट द्वारा विकसित केंद्र सांगली (50 बेड) और बुलढाणा (104 बेड) में हैं जबकि उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर (168 बेड) और गोंडा (124 बेड) में हैं। उत्तर प्रदेश में उपचार केंद्र एक सहयोगी संगठन के साथ साझेदारी में स्थापित किया गया है। मौजूदा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के निर्णय के पीछे मौजूदा क्षमताओं और सेवाओं का हर मुमकिन उपयोग करना और उसमें तेजी लाना है।

प्रत्येक अस्पताल क्रिटिकल केयर क्षमताओं, छोटे ऑपरेशन थिएटर, बुनियादी पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी, डायलिसिस और रक्त भंडारण की सुविधाओं और टेलीमेडिसिन इकाइयों से लैस है। इनका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया। इसकी डिजाइन एडिफिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार की और उपकरणों को प्रमुख विनिर्माताओं से मंगाया गया।

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई)

ट्रस्ट अन्य प्रयासों के अलावा राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, जिसमें पहना जाने वाला सुरक्षात्मक सूट, एन95 / केएन95 मास्क, सर्जिकल मास्क, दस्ताने और गॉगल्स शामिल हैं। अब तक पीपीई की आपूर्ति लगभग 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हो गई है।

सामुदायिक पहुंच

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भारत सरकार द्वारा निर्देशित स्वास्थ्यकर प्रथाओं को अपनाने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर समुदायों में पहुंचने की कोशिश की जा रही है। इस अभ्यास द्वारा 21 राज्यों में लगभग 21 मिलियन लोगों तक पहुंच बनाने की उम्मीद की जा रही है। किसी भी इच्छुक संगठन द्वारा इसे अपनाने के लिए, ट्रस्ट्स ने सोशल मीडिया के माध्यम से लगभग 300 वीडियो और ऑडियो संदेश, डोंगरी, कुमाउनी, लद्दाखी, गढ़वाली, संथाली, मुंडारी, कच्छी (गुजरात) और कोबोरोक (त्रिपुरा) जैसी विभिन्न भाषाओं में और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए हैं।

स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों का प्रशिक्षण

टाटा ट्रस्ट्स और टाटा समूह ने कोविड -19 के प्रबंधन में क्रिटिकल देखभाल में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की मदद के लिए दो प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थानों के साथ समझौता किया है। दो संस्थान क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर और केयर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज हैदराबाद हैं। इसमें 22-घंटे का ऑन-लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम विशिष्ट अस्पतालों द्वारा चुने गए कर्मचारियों के लिए होता है, जो उन्हें नि:शुल्क प्रदान किया जाता है। अभी तक, 26 राज्यों के 356 से अधिक अस्पतालों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इनमें ट्रस्ट द्वारा अपग्रेड किए गए चार उपचार केंद्र भी शामिल हैं।