ये बातें सिखाने से बच्चे बनेंगे फिकरमंद

बच्चों की परवरिश
बच्चों की परवरिश

कोई भी बच्चा एक कच्चे घड़े की तरह होता है, जिसके व्यक्तित्व के निर्माण की जिम्मेदार उसके माता-पिता की होती है। बच्चे में कैसे गुण आएंगे, इसके पीछे काफी बड़ी और अहम भूमिका पेरेंट्स निभाते हैं। इसीलिए बच्चे अपने माता-पिता का आईना होते हैं क्योंकि उनमें उनके संस्कारों की छवि दिखती है। कई बार छोटे बच्चे कुछ ऐसी बातें या कुछ ऐसा काम कर जाते हैं, जिस पर सभी को गर्व होता है। इसका कारण है, उनके पैरेंट्स जिन्होंने उन्हें इतने अच्छे संस्कार दिए हैं। इसलिए बच्चों को ऐसी आदतें सिखानी चाहिए, जिनकी मदद से वे आगे चलकर अच्छे व्यक्ति बनें और बड़ों व छोटों का सम्मान करें। कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो ऐसे बच्चों में देखने को मिलती है। आइए जानते हैं, बच्चों के इन्हीं अच्छी आदतों के बारे में।

आभार व्यक्त करना

बच्चों की परवरिश
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बच्चों की सबसे अच्छी आदत होती है आभार व्यक्त करने की। वे अपने माता-पिता या किसी भी रिलेटिव द्वारा किए गए छोटे से छोटे उपकार को मानते हैं और बदले में धन्यवाद, थैंक यू या आभार व्यक्त करना जानते हैं और सबके प्रति कृतज्ञ भी होते हैं।

सहानुभूति की भावनाएं विकसित होना

बच्चों की परवरिश
बच्चों की परवरिश

सहानुभूति और केयरिंग होना अच्छे बच्चों की पहचान होती है। वे किसी भी व्यक्ति की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे में उनके द्वारा की गई हेल्प की आपको सराहना करनी चाहिए। इससे उनकी औरों की मदद करने की भावना और मजबूत होगी।

अपनी विचारधारा प्रकट करना

बच्चों द्वारा खुद की बातों को सबके सामने पेश करना उनकी कौशलता की निशानी है। अगर इसमें कहीं कोई कमी है तो इसमें आपतको उनकी मदद करनी चाहिए ताकि वे अपने मन की बात को सबके सामने खुलकर व्यक्त कर सकें। हालांकि, इस दौरान इस बात का ख्याल रखें कि आप उनके विचार न बदलें, लेकिन अगर कुछ गलत है, तो उसमें सुधार जरूर करें।

जिम्मेदारियों की समझ

बच्चों को उनकी जिम्मेदारियों की समझ होती है। उन्हें यह पता होता है कि बड़े होकर उन्हें भी कुछ करना है ओर अपने छोटे भाई-बहनों का खयाल रखते हुए उनका रोल मॉडल बनना है।

अपनी लिमिट और वक्त का खयाल रखना

बच्चे अपनी लिमिट का बखूबी खयाल रखते हुए समय के पाबंद होते हैं। तय समय में अपना काम पूरा कर लेते है। उन्हें इस बात के बारे में पता होना चाहिए कि समय मूल्यवान है और इसे बरबाद न करें।

दया की भावना

ऐसे बच्चों में दया का भाव भी होता है, फिर वे चाहे इंसान के प्रति हो या फिर जानवर के प्रति।

धैर्य रखना

ऐसे बच्चे में पेशेंस भी होता है। जैसे वे अगर कुछ खाने की चीज मिल रही है, तो वे अपने भाई-बहन से छीनकर नहीं खाएंगे बल्कि, अपनी बारी का इंतजार करेंगे। उनका धैर्य उनकी पहचान होती है।

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