जेमफील्‍ड्स ने अपनी नवीनतम नीलामी में इम्‍बू को पेश किया –11,685 कैरट का ‘बफैलो’एमरैल्‍ड

‘बफैलो’एमरैल्‍ड
‘बफैलो’एमरैल्‍ड

बैंकॉक : जेमफील्ड्स ने अपनी नई उच्च-गुणवत्ता वाली एमरैल्‍ड (पन्‍ना) नीलामी में इम्‍बू को पेश किया है। यह नीलामी 25 अगस्त से 11 सितंबर 2025 तक चलेगी। 11,685 कैरेट के साथ, इम्‍बू दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल पन्‍नाउत्‍पादक खदान, कागेम माइनिंग (कागेम) में खोजा गया नवीनतम और सबसे बड़ा नायाब रत्‍न है। जाम्बिया के कॉपरबेल्ट प्रांत में स्थित, कागेम 75% जेमफील्ड्स के स्वामित्व में है और इसका संचालन जाम्बियाई सरकार के साथ साझेदारी में औद्योगिक विकास निगम के माध्यम से किया जाता है।

एड्रियन बैंक्स, जेमफील्ड्स के प्रबंध निदेशक –प्रोडक्‍ट एवं सेल्‍स, ने बताया, “इस बड़े रत्न को चमकाने के लिए तेज़ रोशनी की ज़रूरत होती है, फिर भी इम्‍बू गहरा, हरा रंग दिखाता है, जिसमें सुनहरी चमक और सफाई होती है जो आँखों को आकर्षित करती है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह कल्पना करना आसान है कि इम्‍बू से कई उच्च-गुणवत्ता वाले कटे हुए पन्ने बन सकते हैं, जो आकार में महत्वपूर्ण हों। इस तरह का दुर्लभ कलेक्‍शन इस अकेले रत्न से एक पूर्ण उच्च-आभूषण सुइट बना सकता है। यह उल्लेखनीय खोज इसके नए मालिक को न केवल असाधारण रत्नों के स्रोत के रूप में, बल्कि एक अनूठे निवेश के रूप में भी आकर्षित कर सकती है, जिसे असाधारण पन्नों के इतिहास में याद किया जाएगा।”

इम्‍बू के नए मालिक को जेमफील्ड्स के लंबे समय से साझेदार, प्रोवेनैंस प्रूफ के सौजन्य से अद्वितीय नैनोपार्टिकल-टैगिंग का उपयोग करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह पूर्ण ट्रेसबिलिटी प्रदान करता है, यहाँ तक कि रत्न को काटने और पॉलिश करने के बाद भी, जिससे भविष्य के मालिकों को यह निश्चित रूप से पता चल सकेगा कि उनका रत्न कागेम से उत्पन्न हुआ था – और यह इस ऐतिहासिक खोज का हिस्सा था।

कागेम ने कुछ सबसे बड़े उच्च-गुणवत्ता वाले पन्नों के उत्पादन के लिए ख्याति अर्जित की है। इम्‍बू की खोज से पहले 6,225 कैरेट का इन्सोफु (‘एलीफैंट’ 2010), 5,655 कैरेट का इंकालामु (‘लायन’ 2018), और 7,525 कैरेट का चिपेम्बेले (‘राइनो’ 2021) शामिल हैं। 2,337 ग्राम – यानी 11,685 कैरेट – वजन के साथ, इम्‍बू कागेम में अब तक की सबसे बड़ी सिंगल असाधारण गुणवत्ता वाली रत्न खोज है।

जैक्सन मटोंगा, ग्रेडिंग मैनेजर – सॉर्ट हाउस, कागेम, ने कहा, “कागेम में काम करते हुए मुझे 30 साल हो गए हैं लेकिनमैंने शायद ही कभी इतने बड़े, उच्च-गुणवत्ता वाले क्रिस्टल को बनते हुए देखा है। क्रिस्टल फॉर्मेशन का विशाल आकार और प्रकृति इसे ‘बफैलो (भैंस)’या स्थानीय भाषाओं में इम्‍बू नाम देना उपयुक्त बनाती है। यह प्रकृति के हाथों से तराशी गई एक सच्ची उत्कृष्ट कृति है।”

यह भी पढ़े : सुर संगम 2025 : जर्मनी की गरिमा और दिल्ली के जयवर्धन ने लूटी महफिल