‘जनरेटिव एआई’ भारत के बीमा उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा

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नई दिल्ली । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), विशेष रूप से जनरेटिव एआई, इस वर्ष भारत के बीमा उद्योग को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसमें उत्पादकता को लेकर 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट के अनुसार, वे बीमाकर्ता जो अंडरराइटिंग में एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे स्ट्रक्चर्ड और अनस्ट्रक्चर्ड दोनों डेटा का इस्तेमाल कर 36 प्रतिशत तक दक्षता लाभ पा रहे हैं। कस्टमर सर्विस में एआई-पावर्ड नॉलेज असिस्टेंट जैसे टूल्स ने उत्पादकता में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। जबकि, सर्विस की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।

क्लेम प्रोसेसिंग में एआई रियल टाइम में सिंपल क्लेम को 70 प्रतिशत तक रिसॉल्व करने में मदद कर रहा है, जिससे लागत में 30 से 50 प्रतिशत की कमी आती है और ग्राहकों को बेहतरीन एक्सपीरियंस मिलता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि आईटी में भी एआई उपयोगी साबित हो रहा है क्योंकि स्मार्ट ऑटोमेशन टूल बीमा कंपनियों को अपने क्लाउड माइग्रेशन टाइमलाइन को आधा करने और लागत में 30 प्रतिशत की बचत करने में मदद कर रहे हैं।
एआई की बढ़ती क्षमता के बावजूद, रिपोर्ट में पाया गया कि कई बीमा कंपनियां अभी भी पायलट फेज में फंसी हुई हैं और उन्होंने अपने एआई प्रोजेक्ट्स को पूरी तरह से आगे नहीं बढ़ाया है।