
नई दिल्ली। दूसरा विश्व युद्ध समाप्त होने के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर भारत ने दुनिया का चेताया है कि आतंकवाद समकालीन विश्व में युद्ध छेडऩे का तरीका बनकर सामने आया है। इससे पृथ्वी पर उसी तरह का जनसंहार होने का खतरा है, जैसा दोनों विश्व युद्धों के दौरान देखा गया था।
बता दें, दूसरा विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 को शुरू हुआ था और 2 सितंबर 1945 को समाप्त हुआ था। जापान द्वारा अमेरिका के समक्ष सरेंडर करने के बाद यह खत्म हुआ था। इसमें 6 से 8 करोड़ लोग मारे गए थे। यह विश्व की तत्कालीन आबादी का 3 फीसदी था। 2020 में इसकी समाप्ति को 75 वर्ष पूरे हो गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने सोमवार को कहा, ‘द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के 75 वर्ष पूरा होना, हमें संयुक्त राष्ट्र के मकसद और इसके आधारभूत सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को पुन: पुष्ट करने का अवसर देता है। संयुक्त राष्ट्र का मकसद युद्ध के अभिशाप से आने वाली पीढिय़ों को बचाना है।

दूसरे विश्व युद्ध के पीडि़तों के सम्मान में आयोजित विशेष बैठक में शर्मा ने कहा, आतंकवाद समकालीन दुनिया में युद्ध छेडऩे के एक तरीके के रूप में सामने आया है। इससे दुनिया में उसी प्रकार का नरसंहार होने का खतरा है, जो हमने दोनों विश्व युद्धों के दौरान देखा था।
आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और वैश्विक स्तर पर प्रयासों के जरिए ही इससे निपटा जा सकता है। उन्होंने विश्व के देशों से अपील की कि वे युद्ध छेडऩे के समकालीन प्रारूपों से लडऩे और अधिक शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित दुनिया सुनिश्चित करने के लिए स्वयं को समर्पित करें।