यौन उत्पीड़न के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने की शर्त पर जमानत दी गई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसके तहत यौन उत्पीडऩ के आरोपी को पीडि़ता से राखी बंधवाने की शर्त पर जमानत दी गई थी। इसके साथ ही जस्टिस एएम खानविल्कर और रविंद्र भट्ट की बेंच ने जजों और वकीलों के लिए जेंडर सेंसटाइजेशन के संबंध में कई दिशा-निर्देश जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट अपर्णा भट्ट और आठ अन्य वकीलों ने 30 जुलाई 2020 के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट अपर्णा भट्ट और आठ अन्य वकीलों ने 30 जुलाई 2020 के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी। महिला वकीलों ने कहा कि ऐसे आदेश महिलाओं को एक वस्तु की तरह दिखाते हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान यचिकाकर्ता वकीलों की ओर से संजय पारिख ने कहा था कि इस तरह की शर्त के साथ फैसले देने के मामले में सिर्फ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ही नहीं बल्कि ज्यादातर हाईकोर्ट और निचली अदालतों के लिए भी निर्देश चाहते हैं। इन मामलों में अदालतें संवेदनशीलता के साथ फैसले करें। महिलाओं को वस्तुओं की तरह पेश ना करें।

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