
पहलगाम। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2.45 बजे हुए इस हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। फायरिंग के बाद आतंकी भाग निकले। इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि पहलगाम अटैक में दो फॉरेन टेररिस्ट और दो लोकल आतंकी शामिल थे। इस बीच, उरी में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 2 आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पर्यटकों को गोली मारने से पहले आतंकियों ने उनके नाम पूछे और कलमा भी पढ़वाया। इनमें एक UP के शुभम द्विवेदी थे, जिनका नाम पूछने के बाद आतंकियों ने उनके सिर में गोली मार दी। मृतकों में UP, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट और 2 स्थानीय भी मारे गए।
अटैक के बाद देश के अन्य शहरों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दो दिन दौरा छोड़ बुधवार सुबह भारत लौट आए हैं। वे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक करेंगे। जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा अटैक के बाद ये सबसे बड़ा हमला है। पुलवामा में CRPF के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था, इसमें 40 जवान शहीद हुए थे। इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
जब जवानों को आतंकी समझ रोने लगे पर्यटक
पहलगाम अटैक के बाद जब भारतीय सेना के जवान बैसरन घाटी पहुंचे तो वहां मौजूद पर्यटकों ने उन्हें आतंकवादी समझ लिया। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन आतंकवादियों ने फायरिंग की, वो भी वर्दी में थे।जवानों को देख महिलाएं और बच्चे हाथ जोड़कर रोने लगे। इसके बाद जवानों ने कहा कि हम इंडियन आर्मी में हैं। उन्होंने पर्यटकों को सुरक्षा का दिलासा दिया। इस घटना का वीडियो सामने आया है।