
जयपुर। राज्य में पंचायतों और शहरी निकायों के पुनर्गठन को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर पुनर्गठन में धांधली का आरोप लगाया था। इसके जवाब में पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने गहलोत और कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया। मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि “गहलोत साहब कान खोलकर सुन लें, बीजेपी कांग्रेस की तरह ओछी हरकतें नहीं करती। हमारी सरकार पारदर्शिता और जनकल्याण के सिद्धांतों पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसी भी मंत्री या विधायक को लूट के लिए खुला नहीं छोड़ा है।”
दिलावर ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि डोटासरा ने 1705 करोड़ रुपये का घोटाला किया था, जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “गहलोत के राज में अलीबाबा और 40 चोरों की सरकार चल रही थी, जिसने प्रदेश को जमकर लूटा। आज उन्हीं के कई लोग जेल में हैं और आगे और लोग जेल जाएंगे।” पंचायतीराज मंत्री ने कांग्रेस पर पुनर्गठन के नाम पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं के बड़े और मुसलमानों के छोटे वार्ड बनाए थे, जिससे सामाजिक संतुलन बिगड़ा। हमारी सरकार ने सभी के साथ समान व्यवहार करते हुए कानूनी तरीके से पुनर्गठन किया है।”
दिलावर ने बताया कि वर्तमान सरकार ने पंचायतों के पुनर्गठन में वैज्ञानिक और तर्कसंगत मापदंड तय किए हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत की न्यूनतम जनसंख्या 3,000 निर्धारित की गई है, जिसमें 15% तक लचीलापन रखा गया है। वहीं रेगिस्तानी जिलों में यह न्यूनतम जनसंख्या 2,000 रखी गई है, जिसमें 20% की छूट दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई गांव मुख्यालय से छह किलोमीटर से ज्यादा दूर है, तो विशेष परिस्थिति में वहां अलग से पंचायत गठन की संभावना रखी गई है।