दिवाली पर खुशियों से झिलमिलाया शहर, गोवर्धन पूजा के साथ मंदिरों में शुरू हुई अन्नकूट की सेवा

उदयपुर। खुशियों और रोशनी के त्योहार दिवाली पर लेकसिटी जगमगा उठी। घरों, मंदिरों से लेकर बाजार तक उल्लास का उजास दिखा। शहर के महालक्ष्मी मंदिर में लक्ष्मी पूजन के दिन गुरुवार सुबह 5 बजे से ही दर्शनार्थियों की भारी भीड़ नजर आई। मां लक्ष्मी का साड़ी, आभूषण और फूल-मालाओं से विशेष श्रंगार किया गया।

दीपोत्सव के दौरान करीब 2 लाख से भी ज्यादा भक्तों ने दर्शनलाभ लिया। इधर, शहर के श्रीनाथजी मंदिर में दीपावली के दिन ठाकुरजी को जारी के वस्त्र और स्वर्णाभूषण धराए गए। शाम को भोग आरती के दर्शन में कान जगाई की। जिसमें अगले दिन गोवर्धन पूजा का निमंत्रण दिया। शयन में ठाकुरजी कांच की हठड़ी में विराजे। भाई दूज के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव को विराम दिया गया। इसी बीच अन्नकूट महोत्सव भी शुरू हो गए।

शुक्रवार को श्रीनाथजी की हवेली में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट मनोरथ हुए। दोपहर 12:30 बजे गोवर्धन पूजा चौक में गोवर्धन पूजा हुई, जहां ग्वाल बाल गायों को सजा-धजा कर लाए। पूजा के मौके पर घंटा-ध्वनि, शंखनाद और कीर्तन के साथ गोवर्धन पूजा की गई। ग्वालों ने जयकारे लगाते हुए गौ क्रीड़ा की।

जिसमें वैष्णव जन ने भी जमकर आनंद लिया। शाम को अन्नकूट के दर्शन में ठाकुरजी को परम्परागत विशेष सामग्रियों का भोग आया। जिसमें ठाकुरजी के सम्मुख चावल का मींडा धराया गया। पूजा के मौके पर सेवादारों ने भजन कीर्तन करते हुए ठाकुरजी की परिक्रमा की। इस दौरान आम दर्शनार्थियों में भी अन्नकूट के महाप्रसाद का वितरण किया गया। वहीं, शहर के जगदीश चौक रोड़ पर स्थित श्री राधा वल्लभ मंदिर में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। मैनेजिंग ट्रस्टी प्रेम प्रकाश आचार्य ने बताया कि कोविड गाइड लाइन के पालना के साथ अन्नकूट महोत्सव किया गया।

भाई दूज पर भाई अपनी बहनों के घर पहुंचे। साथ भोजन कर भाइयों ने नेग, कपड़े और उपहार भेंट किए। शहर स्थित श्रीनाथजी की हवेली में गोवर्धन पूजा (बाएं) तथा गायों को खेलाने के दौरान मौजूद वैष्णव और श्रद्धालु। माछला मगरा स्थित मंशापूर्ण करणी माता मंदिर में रविवार को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। अध्यक्ष संपत कछावा ने बताया कि इस मौके पर मंदिर में छप्पन भोग लगाया जाएगा। महाआरती के बाद प्रसादी होगी। कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन व्यवस्था रहेगी। महोत्सव की तैयारी के लिए माता के दरबार को फूलों से सजाया जाएगा।

यह भी पढ़ें-सम्यक् दर्शन, ज्ञान व चारित्र को ग्रहण करने का हो प्रयास : आचार्य