देश की सबसे बड़ी हाइड्रो पॉवर परियोजना सुबनसिरी की सौगात अगले वर्ष मार्च तक मिल जाएगी

सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना
सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना
  • 2 हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन की क्षमता के इस प्रोजेक्ट से राजस्थान सहित देश के 17 राज्यों को बिजली मिल सकेगी

  • सुबनसिरी हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है

– सचिन शर्मा-

गेरुखामुख (अरुणाचल प्रदेश)। 22 हजार करोड़ की लागत की सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना देश की सबसे बड़ी कन्वेंशनल हाइड्रो पावर परियोजना होगी। मार्च 2025 तक इस परियोजना के 250-250 मेगावाट की 3 इकाइयों की शुरूआत हो जाएगी। इस परियोजना से राजस्थान सहित पश्चिमी राज्यों के साथ-साथ देश के 17 राज्यों में बिजली की आपूर्ति की जाएगी। पत्र सूचना कार्यालय जयपुर द्वारा अरुणाचल प्रदेश में आयोजित प्रेस ट्यूर के दौरान पत्रकार दल ने आज अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना का दौरा किया। सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना के एग्जीक्यूटिव निदेशक और परियोजना प्रमुख राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह देश की सबसे बड़ी कन्वेंशनल बाईड्रॉप पावर परियोजना है, जिसकी स्थापित क्षमता 2000 मेगावाट है तथा प्रत्येक इकाई की क्षमता 250 मेगावाट है।

सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना
सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना

इस परियोजना में 1200TPH एग्रीगेट प्रोसेसिंग (लैंट) शामिल है जो देश में अब तक का सबसे बड़ा हाइड्रो पॉवर प्लांट है। इसके अलावा, इसमें भारत में 300 मीटर स्पैन कन्वेयर ब्रिज है। सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत 8 इकाइयां स्थापित की जाएगी जिसमें कुल 2000 मेगावाट बिजली आवंटन किया जाएगा, इसके अंतर्गत असम में 533 मेगावाट, अरुणाचल प्रदेश 274 मेगावाट, अन्य उत्तर पूर्वी राज्य (मणिपुर,मेघालय,नागालैंड,त्रिपुरा और मिजोरम) में 198 मेगावाट, उत्तरी राज्य (हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, चंडीगढ़) में 387 मेगावाट, पश्चिमी राज्य ( गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा) में 613 मेगावाट का आवंटन किया जाएगा। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह परियोजना पूर्ण रुप से मई 2026 तक पूरी हो जाएगी। परियोजना की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी लेकिन लोगों की आपत्तियों को हल करने और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है।

सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना
सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना

सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना – एक अनूठी परियोजना

राजेन्द्र  प्रसाद ने बताया कि सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना कंक्रीट बैचिंग और मिक्सिंग प्लांट में 860-सीयूएम क्षमता वाले प्लांट, एक ट्विन शाफ्ट निंग प्लांट और केटीआई जर्मनी का एक चिलिंग और आइस प्लांट शामिल है। यह देश में बांध निर्माण के लिए सबसे बड़ा बेल्चिंग और मिक्सिंग प्लांट है। रोटिस टॉवर बिल फ़ाइडरम का उपयोग पहली बार देश में डेमो के कंक्रीटिंग के लिए किया गया।  सुबनसिरी परियोजना का जनरेटर देश का सबसे बड़ी क्षमता वाला हाइड्रो जनरेटर है जिसकी एमवीए रेटिंग 306 एमवीए है। रोटर किसी भी जल विद्युत संयंत्र में इस्तेमाल किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा उपकरण है जिसका वजन 620 टन और व्यास लगभग 11.45 मीटर है।

परियोजना का स्टेटर देश में सबसे बड़ा है, इसका वजन 395 टन तथा बोर व्यास 11.5 मीटर है। इस परियोजना का धावक अपनी श्रेणी में देश का सबसे भारी फ्रांसिस टर्बाइन धावक है जिसका वजन लगभग 105 टन है। लगभग 355 टन वजन और 7 मीटर व्यास वाला यह मुख्य इनलेट वाल्व देश का सबसे बड़ा मुख्य इनलेट वाल्व है। कुल 22 खाड़ियों वाला 420 केवी जीआईएस देश की किसी भी जलविद्युत परियोजना में सबसे बड़ा जीआईएस होगा।

अरुणाचल प्रेस क्लब का दौरा-

पत्रकार दल ने ईटानगर स्थित अरुणाचल प्रेस क्लब का भी दौरा किया। अरुणाचल प्रदेश सरकार की ओर से 5 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से तैयार इस प्रेस क्लब के सौ से ज्यादा पत्रकार सदस्य हैं। पत्रकारों के वेलफेयर की जानकारी भी इस मौके पर दी गई। क्लब के अध्यक्ष दोदुम यंगतो, अरुणाचल प्रदेश वर्किंग जॉर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष अमर सोंगना और उपाध्यक्ष रंजन दोदुम ने पत्रकार दल का दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया।