चंद्र ग्रहण के कारण बदल रही है देव दीपावली की तिथि

देव दीपावली
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जानिए दीप दान का महत्व

दीपावली पर्व के बाद देव दीपावली मनाई जाती है। देव दीपावली कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण के कारण देव दीपावली मनाने की तिथि में बदलाव की बात सामने आ रही है। देव दिवाली का ये पर्व दीपावली के ठीक 15 दिन मनाया जाता है। देव दिवाली मुख्य रूप से काशी में गंगा नदी के तट पर मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवता काशी की पवित्र भूमि पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं। देवों की इस दिवाली पर वाराणसी के घाटों को मिट्टी के दीयों की रोशनी से सजाया जाता है। इस दिन काशी नगरी में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है। चारों ओर खूब साज-सज्जा की जाती है। देव दिवाली की रात गंगा घाट का दृश्य भाव विभोर कर देने वाला होता है।

देव दीपावली 2022 कब है?

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हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 08 नवंबर 2022 को है। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और ग्रहण के दौरान पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि इस साल देव दीपावली 07 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

देव दीपावली 2022 शुभ मुहूर्त

देव दीपावली
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कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 07 नवंबर को शाम 4 बजकर 15 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन 08 नवंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर हो रही है। उदया तिथि के अनुसार देव दिवाली 08 नवंबर को मनाई जानी चाहिए। लेकिन चंद्र ग्रहण और प्रदोष काल की पूजा मुहूर्त देखते हुए 07 नवंबर को देव दिवाली मनाई जाएगी। 07 नवंबर को प्रदोष काल में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 14 मिनट से 7 बजकर 49 मिनट तक है।

देव दिवाली का महत्व

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पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव शंकर के साथ सभी देवी-देवता धरती पर आते हैं और दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं। यही कारण है कि काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।देव दीपावली पर दीप

दान का महत्व

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शास्त्रों में देव दीपावली के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष शुभ फल मिलता है। साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दीपदान करना शुभ होता है। ये दीपदान नदी के किनारे किया जाता है।

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