
जयपुर। कृषिमंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और एसएचओ कविता शर्मा के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को मंत्री ने एसएचओ के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कविता शर्मा को उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि इतने गंभीर मामलों के बावजूद उनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कृषिमंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने 18 जनवरी 2024 को पश्चिम जिले के तत्कालीन डीसीपी संजीव नैन की एक रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें कविता शर्मा को निलंबित करने की अनुशंसा की गई थी। डीसीपी नैन ने 22 जनवरी 2024 को छह शिकायतों का विस्तृत पत्र पुलिस कमिश्नर को भेजा था। हालांकि, अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
डीसीपी की रिपोर्ट और कार्रवाई का सवाल
डीसीपी संजीव नैन की रिपोर्ट में एसएचओ कविता शर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे।
झोटवाड़ा थाना मामला (2017)
एफआईआर नंबर 525 में मामला दर्ज किया गया था। जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी गई, जिसमें कविता शर्मा के खिलाफ जुर्म प्रमाणित पाया गया। इसके बावजूद उन्हें फील्ड पोस्टिंग दी गई।
अनुशंसा के बावजूद निलंबन नहीं
तत्कालीन डीसीपी नैन ने अपनी रिपोर्ट में कविता शर्मा के खिलाफ छह शिकायतों का उल्लेख करते हुए निलंबन की अनुशंसा की थी।
कमिश्नर का बयान
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि डीसीपी की अनुशंसा पर तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर ने जांच करवाई थी। इसके आधार पर दो चार्जशीट दी जा चुकी हैं।
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का तीन पेजों का शिकायती पत्र
कृषिमंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा किरोड़ीलाल मीणा ने डीजीपी को तीन पेजों का शिकायती पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कविता शर्मा के खिलाफ अब तक दर्ज प्रकरणों और उनके निस्तारण की स्थिति का उल्लेख किया है।
मुख्य बिंदु
2017 में दर्ज एफआईआर नंबर 525 में सीआईडी-सीबी की जांच के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।तत्कालीन डीसीपी की रिपोर्ट और अनुशंसा को अनदेखा किया गया। फील्ड पोस्टिंग के बावजूद आरोपित अधिकारी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। मामले की जड़ में क्या है? कृषिमंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने पुलिस विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अधिकारी अपने संरक्षण में आरोपितों को बचा रहे हैं। उन्होंने एसएचओ कविता शर्मा के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
पुलिस विभाग का कहना है कि मामले की जांच हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। हालांकि, मंत्री मीणा इसे अधूरी कार्रवाई मान रहे हैं।