गहलोत सरकार ने देश में मजदूरों पर हो रही राजनीति के बीच जारी किए तमाम आंकडे

Gehlot government released all figures on migrant laborers amid politics
Gehlot government released all figures on migrant laborers amid politics

मजदूरों पर हो रही राजनीति बयानबाज़ी के बीच राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य सरकार ने लॉक डाउन के दौरान अब तक करीब 2 लाख श्रमिकों एवं प्रवासियों को अपने अपने विभिन्न गृह राज्यों में सुरक्षित भिजवा दिया है,जबकि वही पौने सात लाख प्रवासियों को राजस्थान लाया जा चुका है।

  • 7 लाख प्रवासी पहुंचे वापस राजस्थान
  • 2 लाख से ज्यादा को पहुंचाया अपने अपने राज्य

जयपुर । राजस्थान और उत्तरप्रदेश सरकार के बीच बसों को लेकर चल रही राजनितिक बयानबाजी के बीच राजस्थान सरकार ने बडी जानकारी सार्वजनिक की है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य सरकार ने लॉक डाउन के दौरान अब तक करीब 2 लाख श्रमिकों एवं प्रवासियों को अपने अपने विभिन्न गृह राज्यों में सुरक्षित भिजवा दिया है,जबकि वही पौने सात लाख प्रवासियों को राजस्थान लाया जा चुका है।

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श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जुली ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिकों एवं राजस्थानियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए कॉल सेंटर स्थापित किया गया था। इस पर कुल 23 लाख 9 हजार 860 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था।इनमें राज्य से बाहर जाने वाले के लिए 10 लाख 82 हजार 616 एवं अन्य राज्यों से राजस्थान आने के लिए 12 लाख 27 हजार 244 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें राज्य से बाहर जाने के 46.87 फीसदी एवं आने के इच्छुक का आंकड़ा 53.13 प्रतिशत है।

अशोक गहलोत सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य सरकार ने लॉक डाउन के दौरान अब तक करीब 2 लाख श्रमिकों एवं प्रवासियों को अपने अपने विभिन्न गृह राज्यों में सुरक्षित भिजवा दिया है

यह आंकडे भी जान लीजिए
टीकाराम जूली ने बताया कि अब तक 1 लाख 95 हजार 88 श्रमिकों एवं प्रवासियों को विभिन्न राज्यों में भिजवाया गया है। गत 24 घंटों में भरतपुर जिले से 3279, जालौर जिले से 487 एवं अन्य जिलों सहित कुल 4,540 श्रमिक गये हैं। इसी प्रकार राज्य में अब तक 6 लाख 67 हजार 126 श्रमिकों एवं प्रवासियों को राजस्थान लाया जा चुका है, जिनमें से 274283 सिरोही बॉर्डर से, 123919 डूंगरपुर बॉर्डर से, 55043 चित्तौड़गढ़ बॉर्डर से, 51891 जालौर बॉर्डर से व बाकी ने अन्य जिलों से प्रवेश किया है। गत 24 घंटों में सिरोही जिले में 2319, डूंगरपुर जिले में 2224 एवं अन्य जिलों सहित 7 हजार 197 श्रमिक एवं प्रवासी आये हैं।

गहलोत सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिकों एवं राजस्थानियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए कॉल सेंटर स्थापित किया गया था।

इन राज्यों से आए प्रवासी राजस्थानी
श्रम मंत्री ने विभिन्न राज्यवार ब्यौरा देते हुए बताया कि राजस्थान से 9,860 श्रमिकों को गुजरात भिजवाया जा चुका है। गुजरात के विभिन्न जिलों से 2,81,432 प्रवासी श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं। मध्य प्रदेश से लगभग 32,487 प्रवासियों को लाया जा चुका है। राजस्थान के विभिन्न जिलों से लगभग 51,085 श्रमिकों को मध्य प्रदेश भिजवाया जा चुका है। इसी प्रकार पंजाब के लगभग 9272 प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है। पंजाब से 2614 लोगों का आगमन हुआ है। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य में विभिन्न जिलों से लगभग 10518 श्रमिकों एवं प्रवासी भिजवाये जा चुके हैं। हरियाणा राज्य से 14245 लोगों का आगमन हुआ है। इसी तरह उत्तर प्रदेश राजस्थान से 61,575 श्रमिकों को भिजवाया एवं 14,861 श्रमिकों को राजस्थान लाया जा चुका है।  

 

 

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इनकी हुई घर वापसी

मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि अब तक 5356 श्रमिक एवं प्रवासी उत्तराखण्ड के लिए प्रस्थान कर चुके हैं एवं 2574 राजस्थान आ चुके हैं। पश्चिम बंगाल के 7009 भिजवाए गए है एवं 1877 का आगमन हुआ है। इसी तरह बिहार के 24.539 भिजवाए गए हैं एवं  837 राजस्थान आए हैं। श्रम मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र से अब तक 2,04,074 लोगों का आगमन हुआ है।1732 लोग यहां से प्रस्थान कर चुके हैं। उड़ीसा के 430 भिजवाए जा चुके हैं एवं उड़ीसा से 446 राजस्थान आए हैं।

कोचिंग छात्र और जायरीनों को भी भेजा घर
जूली ने बताया कि कोटा में पढ़ रहे विभिन्न राज्यों के 46 हजार 687 विद्यार्थियों को विशेष बसों एंव ट्रेनों के द्वारा भिजवाया जा चुका है। लगभग 28 हजार 491 विद्यार्थियों को 1048 बसों द्वारा एवं लगभग 18 हजार 196 विद्यार्थियों को 16 विशेष ट्रेनों के द्वारा उनके राज्यों में भिजवाया गया है। अब अपने घर जाने का इच्छुक कोई छात्र शेष नहीं है।उन्होंने बताया कि अजमेर में फंसे विभिन्न राज्यों के लगभग 4 हजार 419 जायरीनों को उनके राज्यों में भेजा जा चुका है। असम एवं अन्य राज्यों के लगभग 48 जायरीन भेजे जाने शेष हैं।

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