OMSS अनाज की बिक्री बंद करने का कदम किसी विशेष राज्य के खिलाफ नहींः केंद्र

एफसीआई
एफसीआई

नयी दिल्ली। राज्यों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से खाद्यान्न खरीदने से रोकने पर शुरू हुए विवाद के बीच केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह निर्णय किसी विशेष राज्य के खिलाफ न होकर अनाजों की मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इस फैसले से बुरी तरह प्रभावित कांग्रेस शासित कर्नाटक ने केंद्र सरकार पर अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने और जानबूझकर राज्य की राशन योजना को लागू करने से रोकने का आरोप लगाया है। कर्नाटक के अलावा तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना भी इस फैसले से प्रभावित होंगे।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पूर्वोत्तर, पहाड़ी राज्यों और कानून और व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वालों को छोड़कर बाकी सभी राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी। खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया था। यह जानबूझकर नहीं किया गया था।

यह आदेश 13 जून को लंबे अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद आया था। इसलिए, यह किसी विशेष राज्य के लिए अचानक निर्णय नहीं था, यह पूरे देश के लिए था। उन्होंने कहा कि ऐसा मुख्य रूप से लोगों के व्यापक हित में गेहूं और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लिया गया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में मंडियों में चावल और गेहूं की कीमतों में तेजी देखी गई है। यह पूछे जाने पर कि ओएमएसएस के तहत अनाज की बिक्री बंद करने के बारे में राज्यों से सलाह क्यों नहीं ली गई, कुमार ने कहा, ‘‘राज्य अगर किसी योजना की घोषणा करते हैं, तो वे हमसे भी सलाह नहीं लेते हैं।

कोई भी राज्य परामर्श नहीं करता है और पूछता है कि आप इस योजना के लिए खाद्यान्न की आपूर्ति करेंगे या नहीं। राज्य अपने हिसाब से घोषणा करते हैं, और भारत सरकार अपने पास मौजूद स्टॉक के आधार पर घोषणा करती है। अगर हमारे पास स्टॉक नहीं है तो हम योजना की घोषणा नहीं करते हैं।’’
यह भी पढ़ें सबा आज़ाद ने ऋतिक रोशन के साथ शेयर की तस्वीरें, सोशल मीडिया पर हुई वायरल