कोरोना काल में अरबपतियों की संख्या में हुआ इजाफा, चीन की अर्थव्यवस्था ने भी लगाई दौड़

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान जहां एक ओर देश में अरबपतियों की संख्या में इजाफा हुआ है तो दूसरी तरफ गरीबी भी तेजी से बढ़ी है। गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में भारत में अरबपतियों की संख्या 39 फीसदी बढक़र 102 से 142 हो गई। विश्व आर्थिक मंच 2022 के दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को ऑक्सफैम इंडिया की तरफ से जारी वार्षिक असमानता सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई। इनकी अमीरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टॉप-10 अमीरों के पास इतनी दौलत है कि वे देश के सभी स्कूलों और कॉलेजों को अगले 25 सालों तक चला सकते हैं।

आर्थिक असमानता पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक 142 भारतीय अरबपतियों के पास कुल 719 अरब अमेरिकी डॉलर (53 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्ति है। देश के सबसे अमीर 98 लोगों की कुल संपत्ति सबसे गरीब 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है। रिपोर्ट के मुताबिक इन अरबपतियों पर वार्षिक संपत्ति कर लगाने से हर साल 78.3 अरब अमेरिकी डॉलर मिलेंगे, जिससे सरकारी स्वास्थ्य बजट में 271 फीसदी बढ़ोतरी हो सकत है। सर्वेक्षण के मुताबिक यदि सबसे अमीर 10 फीसदी लोगों पर एक फीसदी अतिरिक्त कर लगा दिया जाए, तो देश को करीब 17.7 लाख अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मिल सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक यदि 10 सबसे अमीर भारतीय अरबपतियों को प्रतिदिन 10 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च करने हों तो उनकी वर्तमान संपत्ति 84 साल में खत्म होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे धनी 10 फीसदी लोगों ने राष्ट्रीय संपत्ति का 45 फीसदी हिस्सा हासिल किया, जबकि नीचे की 50 फीसदी आबादी के हिस्से सिर्फ 6 फीसदी राशि आई। इस अध्ययन में सरकार से राजस्व सृजन के अपने प्राथमिक स्रोतों पर फिर से विचार करने और कराधान के ज्यादा प्रगतिशील तरीकों को अपनाने का आग्रह किया गया है।

चीन की अर्थव्यवस्था 2021 में 8.1 फीसदी की दर से बढ़ी

कोविड-19 महामारी से दुनिया के कई देशों की अर्थवस्था जहां प्रभावित हुई है। वहीं, चीन की अर्थव्यवस्था 2021 में 8.1 फीसदी बढक़र करीब 18 ट्रिलियन (18 हजार अरब अमेरिकी डॉलर) की हो गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था में पिछले साल की चौथी तिमाही में 4 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो तीसरी तिमाही के मुकाबले महज 0.9 फीसदी कम है। चीन की वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 4.9 फीसदी रही थी लेकिन, साल 2021 में विकास दर 8.1 फीसदी रही। सरकार ने 2021 के लिए छह फीसदी वृद्धि दर का लक्ष्य रखा था। हालांकि, इस दौरान चीन ने 8.1 फीसदी की दर से वृद्धि हासिल की। चीन की सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि ये वृद्धि महामारी से पुनरुद्धार और एक जटिल विदेश व्यापार दशाओं के बीच हासिल की गई। एनबीएस ने जारी बयान में कहा कि चीन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सालाना आधार पर 8.1 फीसदी बढक़र 1,14,370 अरब युआन (लगभग 18,000 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गई है। एनबीएस के आंकड़ों से पता चलता है कि वृद्धि दर 6 फीसदी के सरकारी लक्ष्य से काफी ज्यादा है। चीन में इससे पिछले दो साल की औसत वृद्धि दर 5.1 फीसदी थी।