तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया कांग्रेस ने शुरू की थी, मोदी को श्रेय नहीं जाता : दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

भोपाल। 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसकी शुरुआत कांग्रेस ने की थी। इसमें कोई श्रेय मोदी जी को नहीं जाता है। उन्होंने आगे कहा कि तहव्वुर राणा 26/11 हमलों में शामिल था और उसका प्रत्यर्पण केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि यूपीए सरकार ने सही समय पर उसका नाम जांच में डाला और उसे अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया। 14 साल की कैद पूरी करने के बाद उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया। दिसंबर 2010 में दिग्विजय सिंह ने यह दावा करके एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे ने 26/11 के हमलों के शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले उनसे बात की थी। सिंह ने बार-बार आरोप लगाया कि मालेगांव विस्फोट मामले के सिलसिले में हिंदू चरमपंथियों को गिरफ्तार करने के बाद करकरे को अज्ञात कॉल करने वालों से मौत की धमकियाँ मिल रही थीं।

सिंह ने आगे दावा किया था कि करकरे को आरएसएस के नेताओं ने निशाना बनाया था और उनकी मौत के लिए संगठन को जिम्मेदार ठहराया था। 2008 के हमलों के दौरान करकरे की मौत हो गई थी। दिग्विजय सिंह के बयान पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह या कांग्रेस पार्टी ने विवादित बयान दिया हो। लेकिन कांग्रेस पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड देखिए। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने इसे (26/11 आतंकी हमले) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जोड़ने की कोशिश की। यह भारत के लिए गर्व की बात है कि 2019 से प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखे हैं, हमने तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण किया है, जो 26/11 का मास्टरमाइंड है। उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने अपनी जान गंवाई। वे शायद कांग्रेस पार्टी को देख रहे हैं और उसके वोट बैंक, तुष्टिकरण की राजनीति और उसकी विचारधारा के बारे में सोच रहे हैं।