
अगर आपने गौर किया होगा, तो ट्रकों के पीछे हॉर्न ओके प्लीज और यूज डिपर एट नाइट लिखा होता है। अब इनमें से हॉर्न प्लीज तो समझ आता है, लेकिन यूज डिपर एट नाइट क्यों लिखा होता है। इसका क्या मतलब है? अगर आपको भी इसका मतलब नहीं पता, तो कोई बात नहीं। हम बात देते हैं। ट्रक के पीछे लिखे इस मैसेज का काफी गहरा और जरूरी मतलब है। आइए जानें क्यों ट्रकों के पीछे लिखा होता है यूज डिपर एट नाइट। ट्रकों के पीछे यूज डिपर एट नाइट लिखने की वजह एक्सीेडेंट से बचना नहीं ये है
डिपर क्या होता है?

सबसे पहले यह जान लीजिए कि डिपर होता क्या है। डिपर वाहनों के हेडलाइट्स की एक सेटिंग होती है, जिसे लो बीम भी कहते हैं। जब कोई ड्राइवर रात के समय हाई बीम का इस्तेमाल करता है, तो सामने से आने वाले वाहनों के ड्राइवरों की आंखों में तेज रोशनी जा सकती है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, ट्रक ड्राइवर अन्य वाहनों से अनुरोध करते हैं कि वे रात में डिपर (लो बीम) का ही इस्तेमाल करें, ताकि दुर्घटना से बचा जा सके।
ट्रकों के पीछे ही यह संदेश क्यों लिखा जाता है?
ट्रक आमतौर पर लंबी दूरी की यात्रा करते हैं और अक्सर रात में भी चलते रहते हैं। क्योंकि ट्रक बड़े और भारी होते हैं, इनके ड्राइवरों को पीछे से आने वाले वाहनों की लाइट्स का सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद जरूरी लगता है। यदि कोई कार या बाइक ड्राइवर हाई बीम पर ट्रक के पीछे चल रहा हो, तो ट्रक के साइड मिरर में चमक के कारण ड्राइवर को सामने का रास्ता साफ नहीं दिखाई देगा, जिससे दुर्घटना हो सकती है। इसलिए, ट्रकों के पीछे लिखा होता है ‘यूज डिपर एट नाइट’।
हॉर्न प्लीज और यूज डिपर एट नाइट का कनेक्शन
भारत में ट्रकों के पीछे हॉर्न प्लीज भी लिखा होता है, जिसका मतलब है कि पीछे से आने वाली गाडिय़ां ओवरटेक करने से पहले हॉर्न बजाकर अपनी मौजूदगी का संकेत दे, लेकिन रात के समय हॉर्न के साथ-साथ लाइट्स का सही इस्तेमाल करना और ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसलिए, यूज डिपर एट नाइट का संदेश दिया जाता है, ताकि ड्राइवर हाई बीम की जगह लो बीम का इस्तेमाल करें और सुरक्षित रहें।
सडक़ सुरक्षा में इसका योगदान
यह छोटा-सा संदेश सडक़ सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। रात में हाई बीम का इस्तेमाल करने से न केवल ट्रक ड्राइवर, बल्कि अन्य वाहन चालकों को भी परेशानी होती है। हाई बीम लाइट के कारण कई बार सामने वाली गाड़ी के ड्राइवर की आंखें चुंंधिया जाती हैं, जिससे ब्रेक लगाने में देरी हो सकती है और हादसा हो सकता है। इसलिए, यूज डिपर एट नाइट का पालन करके एक्सीडेंट होने का खतरा कम किया जा सकता है।
कंडोम से भी है कनेक्शन
यूज डिपर एट नाइट का संदेश सिर्फ लो बीम लाइट से ही नहीं, बल्कि कंडोम से भी जुड़ा है। दरअसल, 2005 में एड्स संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लोगों में सेफ सेक्स के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश शुरू की गई। तब यूज डिपर एट नाइट से एक कैंपेन चलाया गया, जिसका छिपा हुआ संदेश था कि सेक्स के वक्त कंडोम का इस्तेमाल करें। इस कैंपेन के लिए डिपर ब्रांड का कंडोम भी निकाला गया था।
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