राज्य सरकार प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध – सीएम भजनलाल शर्मा

CM Bhajanlal Sharma
CM Bhajanlal Sharma

उदयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए एक वर्ष के कार्यकाल में हमने प्रदेश में जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के साथ अभूतपूर्व कार्य किए हैं।

शर्मा सोमवार रात्रि को उदयपुर स्थित एक निजी होटल में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में पानी एक मूलभूत आवश्यकता है। प्रदेश की 8 करोड़ जनता को पर्याप्त मात्रा में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने जल स्रोतों का विकास कर उनकी जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने सहित कई कदम उठाए हैैैं।

राम जलसेतु लिंक परियोजना पर तेजी से किया जा रहा काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी की जल आवश्यकता की पूर्ति हेतु राम जलसेतु लिंक परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। साथ ही, शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल लाने के लिए एमओयू किया गया है। उदयपुर में देवास योजना के माध्यम से जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। माही बांध से बांसवाड़ा-डूंगरपुर को पेयजल एवं सिंचाई के लिए योजना प्रारंभ की गई है।

शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्षाकाल में घग्गर नदी में पानी की अधिक आवक होने पर पानी बहकर नहीं जाए इसके लिए एक प्रभावी योजना बनाई जाए। उन्हांेने कहा कि नदी में जब भी पानी की अधिक आवक हो उसका उपयोग पेयजल और सिंचाई के लिए किया जाए। मुख्यमंत्री ने पंजाब सीमा क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर के पक्कीकरण के शेष कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जंवाई डेम, माही डेम, देवास परियोजना, यमुना जल समझौते आदि के कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। इस दौरान अधिकारियों ने नक्शे के माध्यम से मुख्यमंत्री को घग्गर नदी के प्रवाह मार्ग के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

श्रीगंगानगर में किसानों का धरना और चक्का जाम समाप्त

बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण के कास्तकारों द्वारा सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी सहित अन्य मांगों को लेकर श्रीगंगानगर जिले के घड़‌साना उपखण्ड कार्यालय के समक्ष संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी धरना और टोल नाका 13 एमडी पर जारी चक्का जाम जिला प्रशासन और किसानों के बीच वार्ता में समझौता होने के बाद समाप्त हो गया है।

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में वर्षा की कमी के कारण पोंग बांध में जल संग्रहण कम होने तथा रणजीत सागर बांध में नगण्य आवक के कारण इंदिरा गांधी नहर परियोजना से पानी लेने वाले किसानों को गत वर्षों की भांति सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं था। फिर भी राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान के हिस्से के 20 मई तक निर्धारित पानी को जनवरी माह के अंत तक प्राप्त कर किसानों को सिंचाई हेतु उपलब्ध करवाया गया। जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया कि पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

प्रदेश के 40 हजार गांवों में हो रहे जल संचय के कार्य

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर जन भागीदारी से जल संचय का अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत प्रदेश के 40 हजार गांवों में जल संचय के कार्य किए जा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि गांवों में उपलब्ध पेयजल के पारंपरिक स्रोतों कुएं, तालाब, बावड़ी, नदी आदि के संरक्षण के लिए हमें सहभागिता से काम करना चाहिए, ताकि हम इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सकें।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार सहित जल संसाधन विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।