नीतिगत दरों पर लगातार पांचवीं बार यथास्थिति बरकरार, रेपो दर चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगा

आरबीआई ने नीतिगत दरों पर लगातार पांचवीं बार यथास्थिति बरकरार रखी है। रेपो दर चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वृद्धि को समर्थन देने, मुद्रास्फीति को लक्षित स्पर पर बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक उदार मौद्रिक नीति के रुख को बनाए रखेगा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हाल में कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी ने आर्थिक वृद्धि दर में सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा की है। आरबीआई ने वायरस के प्रकोप को रोकने और आर्थिक सुधारों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकाता पर बल दिया।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 10.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा, ताकि उत्पादक क्षेत्रों को ऋण आसानी से मिले। आरबीआई ने राज्यों की अल्पकालिक जरूरत के लिए (डब्ल्यूएमए) उधार की सुविधा बढ़ाकर सकल रूप से 47,010 करोड़ रुपये किया।

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