
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर वह 31 मई को सुनवाई करेगा। यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष आया था।
सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को याचिका की प्रति दी है या नहीं। याचिकाकर्ता ने जब कहा कि वह मामले के पक्षों को प्रति सौंपेंगी तो पीठ ने कहा, आप यह करें। हम इस पर सोमवार (31 मई) को सुनवाई करेंगे।
पीठ ने कहा, हम याचिकाकर्ता के वकील को याचिका की अग्रिम प्रति प्रतिवादियों- केंद्रीय एजेंसियों, सीबीएसई के वकील और इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईएससीई) को सौंपने की अनुमति देते हैं। इसने कहा, इसे सोमवार को (31 मई) सूचीबद्ध करें।

याचिका में केंद्र, सीबीएसई और आईएससीई को मामले में प्रतिवादी बनाने को कहा गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा कि सीबीएसई एक जून को इस मुद्दे पर फैसला ले सकती है।
आईएससीई का पक्ष रख रहे वकील ने पीठ को बताया कि चूंकि मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत कर रही है, अत: उच्च न्यायालयों को इस पर सुनवाई करने की जरूरत नहीं है।
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