
मंदिरों के महाकुंभ में मंदिर प्रबंध कों एवं प्रतिनिधियों के लिए रजिस्ट्रेशन्स शुरू
अद्वितीय ज्ञान और अंतर्दृष्टि साझा करने वाला यह आयोजन मंदिर प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं को उजागर करेगा, जिसमें विशेषज्ञ-नेतृत्व वाली चर्चाएँ, प्रस्तुतियाँ, वर्कशॉप्स और मास्टर क्लासेस (टेम्पल टॉक्स) शामिल होंगी
· कन्वेंशन में 58 से अधिक देशों से हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन धर्म के प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रमुख प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे
· वैश्विक स्तर पर हाइब्रिड रूप से आयोजित किए जा रहे इस तीन दिवसीय ऐतिहासिक कन्वेंशन में 1,581 से अधिक प्रमुख मंदिरों के प्रतिनिधि शामिल होंगे
· आईटीसीएक्स 2025 का उद्देश्य मंदिर तंत्र में सुधार करना, प्रशासन को व्यवस्थित करना, श्रद्धालुओं को उच्च स्तर के अनुभव प्रदान करना और अत्याधुनिक तकनीक को अपनाकर एक प्रगतिशील भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाना है
· मंदिरों और प्रतिनिधियों के लिए रजिस्ट्रेशन्स 31 जनवरी, 2025 तक खुले हैं
नई दिल्ली। इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो (आईटीसीएक्स) अपने बहुप्रतीक्षित दूसरे संस्करण के साथ एक बार फिर लौट रहा है। वर्ष 2023 में आयोजित पहले कन्वेंशन को अभूतपूर्व सफलता मिली थी और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का समर्थन भी प्राप्त हुआ था। इस वर्ष, आयोजन और भी भव्य स्तर पर होगा और 17 से लेकर 19 फरवरी, 2025 तक आंध्र प्रदेश के पवित्र तीर्थ स्थल तिरुपति में आयोजित किया जाएगा। टेम्पल कनेक्ट (इंडिया) द्वारा विकसित आईटीसीएक्स, दुनिया का पहला विशेष मंच है, जो मंदिरों के प्रबंधन, संचालन और मंदिर अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य मंदिर प्रशासन को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी बनाना और समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
टेम्पल कनेक्ट के संस्थापक गिरीश कुलकर्णी के नेतृत्व में आयोजित यह ऐतिहासिक कार्यक्रम आईटीसीएक्स 2025 के अध्यक्ष और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य प्रसाद लाड के सहयोग से संचालित हो रहा है। यह कन्वेंशन भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘अतुल्य भारत’ पहल के तहत समर्थित है और मंदिर पर्यटन व तीर्थयात्रा के क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रजिस्ट्रेशन्स नि:शुल्क हैं और 31 जनवरी, 2025 तक खुले हैं। मंदिरों के प्रबंधक और प्रतिनिधि इस अनूठे अनुभव का हिस्सा बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। प्रत्येक मंदिर से दो प्रतिनिधियों के लिए कोई रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं होगा और उनके रहने की व्यवस्था भी आयोजन का ही हिस्सा होगी। अतिरिक्त ट्रस्टी भी नाममात्र शुल्क पर शामिल हो सकते हैं और समिति का हिस्सा बनकर गहन अंतर्दृष्टि और नए संपर्कों का लाभ उठा सकते हैं।
यह कन्वेंशन मंदिर प्रबंधन के विभिन्न महत्वपूर्ण स्तंभों पर केंद्रित रहेगा, जिसमें सुरक्षा और निगरानी प्रणाली, कोष प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसे अहम् विषयों पर चर्चा होगी। साथ ही, स्वच्छता और खाद्य वितरण (विशेष रूप से बड़े पैमाने पर भंडारे आदि) के मानकों को बेहतर बनाने पर भी विचार किया जाएगा। इस बार, कन्वेंशन में 75 से अधिक हाई-टेक इनोवेशन को मंदिर और धार्मिक तकनीक के क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, भीड़ और कतार प्रबंधन, सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट और मंदिर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी, ताकि श्रद्धालुओं के अनुभव को और समृद्ध बनाया जा सके और मंदिरों का संपूर्ण तंत्र मजबूत हो सके।
आईटीसीएक्स तीन दिनों तक एक ऐसा उत्कृष्ट मंच तैयार करेगा, जहाँ दुनिया भर के मंदिर प्रबंधक, ट्रस्टी और प्रशासक आपस में विचार-विमर्श करेंगे। इस आयोजन में हिंदू धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और बुद्ध धर्म के प्रमुख मंदिरों से जुड़े लोग एक ही छत के नीचे एकत्रित होंगे। 58 देशों से आए धार्मिक संस्थानों के केस स्टडी एक्सहिबीशन्स (सीएसई) कन्वेंशन का एक प्रमुख आकर्षण होंगे, जो मूल्यवान जानकारी और विभिन्न दृष्टिकोण प्रदान करेंगे। यह विशिष्ट आयोजन का उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं को स्थापित करना और मंदिर प्रबंधन के लिए एक स्थायी और भविष्य-उन्मुख दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह युवा पीढ़ी, ब्रांड समाधान प्रदाताओं, और नीति निर्माताओं के लिए एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है, जिससे वे श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बना सकते हैं और मंदिर प्रबंधन में सकारात्मक बदलाव और नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं।
आईटीसीएक्स का उद्देश्य एक ऐसा मंच बनाना है, जो सीमा पार नेटवर्किंग, ज्ञान साझा करने और सहयोगी शिक्षा को बढ़ावा दे सके। इस आयोजन में 111 विशेषज्ञ वक्ता शामिल होंगे, और यह सेमिनार्स, इंटरएक्टिव वर्कशॉप्स और विशेष मास्टर क्लासेस के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। एक नया मंच टेम्पल टॉक्स भी होगा, जहाँ केस स्टडीज पर चर्चा की जाएगी और प्रतिभागियों को शिक्षा के माध्यम से प्रेरित किया जाएगा। इस आयोजन को हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जाएगा, ताकि दुनिया भर से लोग इसमें हिस्सा ले सकें।
गिरीश कुलकर्णी, टेम्पल कनेक्ट और आईटीसीएक्स के संस्थापक,ने कहा, “मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि अगले इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो (आईटीसीएक्स) 2025 का आयोजन पवित्र नगरी तिरुपति में होने जा रहा है। यह देखना सच में विनम्र अनुभव है कि हमारी साझा श्रद्धा मंदिर प्रबंधन में बदलाव ला रही है और श्रद्धालुओं के पवित्र अनुभवों को और भी बेहतर कर रही है। पहला संस्करण काफी सफल रहा, जिसमें सैकड़ों मंदिरों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया था। इस वर्ष का आयोजन और भी अधिक भव्य होगा, जिसमें 58 से अधिक देशों के 1,580 से अधिक मंदिरों (जिनमें 1,200 जमीनी स्तर पर और लगभग 351 ऑनलाइन भाग लेंगे) औरहाइब्रिड प्रारूप में2,400 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। साथ मिलकर, हम सभी अपने मंदिर तंत्र को मजबूत करेंगे और दूरदृष्टि वाले वक्ताओं, नेताओं और समर्थकों की अंतर्दृष्टि के माध्यम से अपने आध्यात्मिक समुदायों को उच्च स्तर प्रदान करेंगे। तो, हमारे धर्म और हमारे मंदिरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, इस महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए तिरुपति में हमारे साथ जुड़ें।”
हाल ही में आई कॉलीयर्स रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आध्यात्मिक पर्यटन में भारी वृद्धि देखी गई है। अब देश के यात्रा और पर्यटन उद्योग में इसकी 30% की बाजार हिस्सेदारी है और उम्मीद है कि वर्ष 2032 तक यह सालाना 9-10% बढ़कर 130 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगा। इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र के जवाब में, आईटीसीएक्स 2025 एक नवाचार के प्रतीक के रूप में उभरकर सामने आया है, जो मंदिर तंत्र की बढ़ती जरूरतों को एक समग्र और रणनीतिक दृष्टिकोण से संबोधित करेगा। वैश्विक विशेषज्ञता और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, यह कन्वेंशन मंदिर प्रबंधकों को ऐसे व्यक्तिगत और व्यावहारिक समाधान प्रदान करेगा, जो परंपरा को बनाए रखते हुए आधुनिकता को भी अपनाएँगे।
प्रसाद लाड, इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो 2025 के अध्यक्ष (महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य और महाराष्ट्र सरकार के विधान परिषद अधिकार उल्लंघन समिति के अध्यक्ष),ने कहा, “आईटीसीएक्स हमारे समृद्ध और गौरवपूर्ण मंदिर धरोहर का प्रतीक है, जो हमारे मन में राष्ट्रीय गौरव की अलख जगाता है और मंदिर तंत्र में नवाचार और बदलाव की दिशा का मार्ग प्रशस्त करता है। मंदिर प्रबंधन के अलावा, यह कन्वेंशन दुनिया भर के मंदिरों की विभिन्न संस्कृतियों, कलाओं, शिल्पों और परंपराओं को जानने का एक अनूठा मंच प्रदान करता है। जैसे-जैसे हम आईटीसीएक्स 2025 की तरफ आगे बढ़ रहे हैं, मुझे खुशी है कि यह और भी प्रभावशाली और गहरे अनुभव में बदल रहा है, जो न सिर्फ सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देगा, बल्कि वैश्विक मंदिर समुदाय के बंधनों को भी मजबूत करेगा।”
आईटीसीएक्स 2023 का पहला संस्करण एक बड़ी सफलता रही, जिसमें 32 देशों के 1,098 प्रतिनिधियों और 789 प्रमुख मंदिरों ने हिस्सा लिया था। उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत उपस्थित थे, और कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की थी, जिनमें भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य डॉ. सुधांशु त्रिवेदी और विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे शामिल थे। इस कन्वेंशन में 40 प्रभावशाली सत्र आयोजित किए गए थे, जिनमें मंदिर प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा शामिल थी। सरकार की स्मार्ट सिटी पहल से प्रेरित भारत के पहले स्मार्ट टेम्पल्स मिशन का शुभारंभ और खाद्य वितरण पर केंद्रित अन्नदान पहल सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों में शामिल थे। आईटीसीएक्स 2023 वास्तव में बदलाव का अद्भुत स्त्रोत रहा, जिसने मंदिर प्रबंधन तंत्र को भविष्य के लिए अधिक आधुनिक, प्रभावी और तकनीकी दृष्टिकोण अपनाने के मार्ग पर अग्रसर किया।