पत्रकारिता में खोज और अन्वेषण को बढ़ावा देने की जरूरत: राज्यपाल

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जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि पत्रकारिता में खोज और अन्वेषण मूल्यों का विकास जरूरी है। उन्होंने इज़राइल के अपने यात्रा संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वहां पत्रकारिता में शोध को पहले पन्ने पर प्रकाशित किया जाता है। पत्रकारिता में यह दृष्टि अपनाई जाए। उन्होंने भारतीय शोध का अधिकाधिक पेटेंट करवाने का भी आह्वान किया।

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राज्यपाल बागडे मंगलवार को विश्व संवाद केन्द्र फाउंडेशन द्वारा आयोजित नारद जयंती व पत्रकार सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौखिक मीडिया की प्रासंगिकता कई बार दूसरे मीडिया से अधिक होती है। महर्षि नारद इसी मीडिया से जुड़े थे। उन्होंने पीओके के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि यह उस समय की ऐतिहासिक भूल थी। उन्होंने कहा कि पीओके निर्माण का पाप लार्ड माउंटेन बेटेन का था।

उन्होंने कहा कि भारत में बाहरी आक्रांता इसलिए हावी रहे कि हमारे यहां आंतरिक एकता का अभाव था। एक राजा दूसरे राजा की मदद नहीं करता था। उन्होंने कहा कि भारत बदल रहा है। उन्होंने राष्ट्र भक्ति, सावरकर और भारत पाकिस्तान सम्बन्धों की चर्चा करते हुए कहा कि देश प्रेम का जज्बा बदले भारत की सुनहरी तस्वीर है।

राज्यपाल ने महर्षि अरविंद की चर्चा करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने उनके दर्शन की विशेष रूप से “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” में चर्चा की है। अरविंद ने बच्चों की बौद्धिक क्षमता कैसे बढ़ें, इसी पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले द्वारा भारत को मानसिक रूप से गुलाम बनाए रखने के लिए अंग्रेजी शिक्षा का प्रसार किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति इसी आलोक में लागू की है कि बच्चे भारतीय ज्ञान की परंपरा से जुड़े और उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास हो।