
आंखे बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। इनके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आंखे आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक सामान्य समस्या है, जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है और दो सप्ताह में यह अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कई लोगों में कंजक्टिवाइटिस के कारण गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जिसके तुरंत उपचार की जरूरत होती है। वैसे तो यह समस्या किसी को कभी भी हो सकती है, लेकिन गर्म और नम वातावरण में इसके होने का खतरा अधिक होता है।
साफ-सफाई की आदत डालें

किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी होता है। आई फ्लू से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं, खासकर अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूने के बाद।
निकट संपर्क से बचें
ऐसे लोगों के साथ निकट संपर्क से बचने का प्रयास करें जिन्हें आंखों में संक्रमण या सर्दी जैसे लक्षण हों। आंखों का संक्रमण अत्यधिक संक्रामक हो सकता है।
पर्सनल चीजें शेयर न करें
कंजक्टिवाइसिस से बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपनी पर्सनल चीजें जैसे तौलिए, तकिए, आई ड्रॉप या मेकअप जैसी चीजों को दूसरों के साथ साझा करने से बचें, क्योंकि ये चीजें आसानी से संक्रमण फैला सकती हैं।
सैनिटाइज करें
आपकी आंखों के संपर्क में आने वाली चीजों, जैसे चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस और उनके केस को नियमित रूप से साफ और सैनिटाइज करें।
अपनी आंखों को रगडऩे से बचें

आई फ्लू से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी आंखों को रगडऩे से बचें। दरअसल, आंखों को रगडऩे से बैक्टीरिया या वायरस आपके हाथों से आपकी आंखों में ट्रांसफर हो सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
टिश्यू या रूमाल का उपयोग करें
कीटाणुओं को फैलने से रोकने के लिए खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल, टिशू या कोहनी से ढकें।
बीमार हैं तो घर पर रहें
अगर आप में आंखों में संक्रमण या किसी बीमारी के लक्षण हैं, तो जम्र्स को फैलने से रोकने के लिए ऑफिस, स्कूल या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
चिकित्सीय सलाह लें
अगर आपको आंखों में संक्रमण के लक्षण जैसे रेडनेस, पानी आना, खुजली, जलन, स्राव या धुंधली दृष्टि का अनुभव होता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
इन चीजों से करें परहेज
सीधा संपर्क
किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल या डिस्चार्ज के संपर्क में आने से आई फ्लू आसानी फैल सकता है। ऐसे में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किसी संक्रमित या अगर आप खुद संक्रमित है, तो लोगों के सीधे संपर्क में आने से बचें।
अप्रत्यक्ष संपर्क
आंखों का संक्रमण अप्रत्यक्ष रूप से भी फैल सकता है। उदाहरण के लिए, संक्रमित व्यक्ति द्वारा दरवाजे के हैंडल, मेट्रो के हैंडल या रेलिंग आदि को छूने से वायरस या बैक्टीरिया उस सतह पर रह जाते हैं। ऐसे में सार्वजनिक जगहों पर इन चीजों को छूने से बचें या फिर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
स्विमिंग पूल और हॉट टब से बनाएं दूरी
कुछ प्रकार के आई फ्लू स्विमिंग पूल या हॉट टब में दूषित पानी के माध्यम से फैल सकते हैं, खासकर अगर पानी को बदला नहीं गया हो। ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए बेहतर है कि आप इन जगहों से दूरी बनाकर रखें।
भीड़भाड़ से दूर रहें
आई फ्लू के कुछ वायरस जैसे एडेनोवायरस, हवा के माध्यम से फैल सकते हैं। ऐसे वायरस खासकर भीड़-भाड़ वाले या खराब हवादार क्षेत्रों में ज्यादा पाए जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि आप ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
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