ये आयुर्वेदिक नुस्खे नहीं लगने देंगे आपको लू

लू
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देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी अपना रिकॉर्ड तोड़ रही है। गर्मियों का मौसम अपने साथ कई तरह की समस्याएं भी लेकर आता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है वैसे-वैसे सेहत संबंधी समस्याएं भी परेशान करने लगती हैं खासतौर से अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो। लू लगना, सिर चकराना, डिहाइड्रेशन और पाचन गड़बड़ाना ये सबसे कॉमन प्रॉब्लम्स हैं। गर्मियों में लू लगना कोई बड़ी बात नहीं है। इसे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक भी कहते हैं। हीट स्ट्रोक तब होता है, जब आप लंबे समय तक धूप में रहते हैं और आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता। ऐसे में शरीर का तापमान तेजी से बढऩे लगता है और पसीना भी नहीं निकलता, जिससे शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती। बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है और बेहोशी छाने लगती है। ऐसे में समझ ही नहीं आता है क्या किया जाए। आज हम आपको ऐसे कुछ उपायों के बारे में बताने वाले हैं जिनकी मदद आप गर्मियों में लू से बचे रह सकते हैं।

लू से बचने के आयुर्वेदिक उपाय

प्याज का रस

बेल का शरबत
बेल का शरबत

प्याज खाना और इसका रस पीना दोनों ही लू का रामबाण इलाज है। गर्मियों में प्याज को खासतौर से डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। कच्चा प्याज खाना लू से बचाव का कारगर उपाय है। साथ ही इसका रस भी पिया जा सकता है। इसके अलावा लू लग जाने पर प्याज का रस निकालकर हाथ, पैरों के तलवों पर लगाने से शरीर का तापमान कम होने लगता है।

बेल का शरबत

बेल का शरबत
बेल का शरबत

आयुर्वेद की मानें तो बेल का शरबत गर्मियों में पीना बेहद फायदेमंद होता है। विटामिन सी के साथ बेल में फाइबर की भी अच्छी-खासी मात्रा होती है। इसे पीने से लू से बचाव होता है और पाचन से जुड़ी दिक्कतें भी दूर होती हैं।

धनिया-पुदीने का रस

लू लग जाने धनिया व पुदीने का रस पीना चाहिए। जो शरीर को ठंडक देती है। रस पीने के अलावा आप धनिया और पुदीने की चटनी बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

सौंफ का पानी

लू लगने पर सौंफ का पानी पीना भी बेहद फायदेमंद होता है। सौंफ का सेवन करने से शरीर का तापमान रेग्युलेट होता है। रातभर के लिए सौंफ को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और सुबह ये पानी पी लें।

नींबू पानी

नींबू पानी गर्मियों के लिए बेस्ट ड्रिंक है, जो लू से बचाने का काम करता है। विटामिन सी से भरपूर नींबू इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार है। इसे पीते ही शरीर एकदम तरोताजा हो जाता है। साथ ही नींबू-पानी डिटॉक्सिफिकेशन में भी मदद करता है।

इन चीज़ों पर भी दें ध्यान

रोगी तो तुरंत ठंडी, छाया व हवादार जगह पर लिटा दें। सिर, छाती, पीठ, बांह और हाथ-पैरों पर बर्फ लगाएं। बर्फ न मिलने पर गीला कपड़ा भी इस्तेमाल कर सकते हैं। होश आने पर जूस या पानी पिलाएं।

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