
कोई भी भारतीय व्यंजन बिना तले-भुने या मिर्च मसाले के बिना अधूरा है। ज्यादातर घरों में किसी त्योहार पर या किसी विशेष दिन पूरी, पकौड़े, छोले आदि बनाते हैं। अक्सर हम पूरी या पकौड़े तलने के बाद बचा हुआ तेल सब्जी बनाने में या किसी और तरीके से इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस तेल के इस्तेमाल से आप अपने शरीर को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं? जी हां, इस तेल से आपको सेहत को कई नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे कैंसर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
क्यों दोबारा नहीं करना चाहिए बचे हुए तेल का इस्तेमाल?

कई रिपोट्र्स के अनुसार, खाना पकाने के तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपकी सेहत खराब हो सकती है। दरअसल, जब आप तेल दोबारा गर्म करते हैं, तो यह खराब होना शुरू हो जाता हैं और इसमें ट्रांस-फैटी एसिड की मात्रा बढऩे लग जाती है, जो सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाती है।
आखिर कैसे हो जाता है तेल खराब

जो तेल हम खाना पकाने के लिए तेल का इस्तेमाल करते हैं, इनमें सभी फैटी एसिड होते हैं। ये फैटी एसिड भी तीन तरह के होते है लेकिन ज्यादातर खाने के तेल में शॉर्ट चेन फैटी एसिड पाया जाता है। जब कड़ाही में तेल गर्म करते हैं, तो शॉर्ट चेन फैटी एसिड़ टूट जाता है, इसकी बॉन्ड टूटने पर इसकी जगह ऑक्सीजन और हाइड्रोजन ले लेतें हैं। ऑक्सीजन की वजह से ऑक्साइड बनने लगता है, जो शरीर के लिए हनिकारक माना जाता है। इसके इस्तेमाल से दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
तो बचे हुए तेल का क्या करें?
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि कोई भी तेल दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इसे फेंकना ही सबसे अच्छा होता है। मूंगफली का तेल, कोकोनट ऑयल, घी, बटर या कोई भी रिफाइंड तेल में शॉर्ट चेन फैटी एसिड पाया जाता है, जो ज्यादा गर्म होने पर खराब हो जाता है। वहीं अगर आप ऐसा तेल इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिसे दोबारा गर्म किया जा सके, तो आप सरसों का तेल या राइस ब्रान तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दोनों तेल में मोनोसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए कड़ाही को धीमी आंच पर ही गर्म करें। इसकी वजह से तेल बहुत ज्यादा हाई टेम्परेचर पर नहीं जाएगा। इस तेल को आप तडक़ा लगाने या एक बार सब्जी बनाने के लिए कर सकते हैं।
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