
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो दुनिया भर में तेजी से फैल रही है। भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके बारे में हाल ही में जीरोधा के फाउंडर नितिन कामथ ने भी इस बारे में चिंता जताई है। आपको बता दें कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज नहीं है। इस कंडीशन में शरीर या तो सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है या फिर बॉडी के सेल्स इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल नहीं हो पाता है। इसलिए यहां हम कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं, जो डायबिटीज से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं। डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं। टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज। टाइप-1 डायबिटीज में पैनक्रियाज इंसुलिन नहीं बना पाता है। यह जेनेटिक कारणों से हो सकता है। वहीं टाइप-2 डाइबिटीज में शरीर इंसुलिन या तो कम मात्रा में बनाता है या इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता। ये आदतें आपके आसपास नहीं फटकने देंगी डायबिटीज को
डायबिटीज के कारण

डायबिटीज के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-
जेनेटिक्स- अगर माता-पिता या परिवार के किसी करीबी सदस्य को डायबिटीज हो, तो आप में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा- ज्यादा वजन या मोटापा डायबिटीज का एक मुख्य कारण है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी- रोज एक्सरसाइज न करने से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
अनहेल्दी डाइट- नियमित रूप से ज्यादा शुगर, फैट और कैलोरी वाला खाना खाने से भी डायबिटीज का कारण बन सकता है।
उम्र- बढ़ती उम्र के साथ डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ टिप्स को अपनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
हेल्दी डाइट- स्वस्थ खाना खाने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। खाने में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर फूड्स शामिल करें।
नियमित व्यायाम- रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
वजन नियंत्रण- अगर आपका वजन ज्यादा है, तो उसे कम करने की कोशिश करें।
ब्लड शुगर की नियमित जांच- अगर आपको डायबिटीज का खतरा है, तो नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करवाएं।
तनाव प्रबंधन- तनाव डायबिटीज को बढ़ा सकता है, इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीके सीखें।
धूम्रपान छोड़ें- स्मोकिंग डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है।
यह भी पढ़ें : महायुति को महाराष्ट्र में मिली बंपर जीत, 288 में से 234 सीटों पर कब्जा