जानवरों के लिए मसीहा बने ये सामाजिक कार्यकर्ता, प्रतिष्ठान खोलने का इंतजार करते हैं बंदर

खाना खाने के बाद हो जाते रवाना

झालावाड़।  सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ राजू अंकल सुनेल के रहने वाले हैं  जो जिले में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। रक्तदाता समूह के  संरक्षक है। वह सुबह-सुबह  कुछ घरों में जाकर लोगों से रोटी, चावल, बिस्किट आदि लेकर इकट्ठा करते हैं। फिर सुनेल के बस स्टैंड से लेकर  आहू नदी तक घूम-घूम कर आवारा जानवरों , कुत्ता, गाय, को खाना  देते हैं. जिस दिन खाना कम पड़ता है, उस दिन अपने पैसे खर्च कर जानवरों को भोजन उपलब्ध कराते हैं।

इनसे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि इनकी दोस्ती बंदरों से है जो इनके प्रतिष्ठान खुलने से पहले इनके प्रतिष्ठान के पास पहुंच जाते हैं इनका इंतजार करते हैं ऐसे ही बंदरों को खाना उपलब्ध कराते हैं उसके बाद बंदर प्रतिष्ठान से रवाना हो जाते हैं।राजेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ राजू अंकल ने बताया कि लॉकडाउन के समय शहर के सारे होटल, रेस्टोरेंट बंद हैं। उस समय हमने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से गरीबों के लिए भोजन के पैकेट की व्यवस्था की गई थी उस समय से लावारिस जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है। इंसान तो अपनी पीड़ा बयां करते हैं, लेकिन ये जानवर नहीं कर सकते। लेकिन हमने इनकी भी पीड़ा महसूस की इसलिए जानवरों को खाना खिलाने का अभियान शुरू किया।जो आज तक बदस्तूर जारी है।