
नींद संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, फिर भी बहुत से लोग नींद की खराब गुणवत्ता और अनिद्रा से जूझते हैं। नींद की गुणवत्ता बढ़ाने का एक प्रभावी और प्राकृतिक तरीका योग अभ्यास है। ?योग के साथ जुडक़र आप पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिव करते हैं और रिलैक्सेशन को बढ़ावा देते है, जिससे तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है।
विपरीत करणी

- मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों पैरों को एक साथ रखें।
- लंबी गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं।
- हवा में पैरों को 15-20 सेकेंड रोककर रखें।
- सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लाएं।
- इसे कम से कम तीन बार जरूर करें।
बालासन

- वज्रासन यानी दोनों पैरों को मोड़ते हुए बैठ जाएं।
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं।
- सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को सामने से नीचे लाते हुए मैट पर टिकाएं। सिर को भी मैट पर रखें। इस स्थिति में आराम से सांस लें औऱ छोड़ें।
- इसे भी दो से तीन बार करने की कोशिश करें।
जानु शीर्षासन
- दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- एक पैर को मोडक़र दूसरे पैर की जांघ के पास रखें।
- फिर से एक बार दोनों हाथों को सांस भरते हुए ऊपर उठाएं।
- अब सांस छोड़ते हुए हाथ को नीचे लाना है और सिर को घुटने के जितना पास ले जा सकते हैं ले जाएं।
- इस स्थिति में अपनी क्षमतानुसार बने रहें।
- फिर हाथों को ऊपर उठाते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएँ। दूसरे पैर से भी इसका अभ्यास करें।
दोनों पैरों से कम से कम दो बार कर लें।
आनंद बालासन
- इस आसन को करने के लिए आराम से पीठ के बल लेट जाएं।
- पैरों को मोड़ते हुए ऊपर की ओर ले आएं।
- अब हाथों से पैर के अंगूठे के पकडक़र खीचें। दाएं हाथ से दाएं पैर को खींचे और बाएं पैर को बाईं ओर। हिप पर अच्छी स्ट्रेचिंग होती है।
- इसे भी दो से तीन बार करने का अभ्यास करें।
सुप्त बद्धकोणासन
- पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों पैरों को मोडक़र पंजों को आपस में मिलाएं।
- इससे जांघों और हिप्स पर अच्छा सा स्ट्रेच आएगा।
- इसे भी दो से तीन बार दोहराएं।
सुप्त मत्स्येंद्रासन
- इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- दाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर के पास रखें और दायां हाथ कंधे की सीध में फैला दें। गर्दन को दाई ओर ही रखना है।
- यही पूरी प्रक्रिया बाएं पैर से भी करना है।
- इस आस को भी दो बार करें।
इन आसनों के फायदे
- इन सारे आसनों के अभ्यास से शरीर के साथ-साथ दिमाग भी रिलैक्स हो जाता है, जिससे नींद अच्छी आती है।
- इन आसनों के अभ्यास से तनाव दूर होता है। नींद डिस्टर्ब करने में तनाव का बहुत बड़ा हाथ होता है।
- इन योग आसनों के अभ्यास से डोपामाइन रिलीज होता है, जिसे फील-गुड हार्मोन कहा जाता है। इससे नींद न आने की समस्या दूर होती है।
- सुकून भरी नींद के साथ ही इन योगसानों को करने से बॉडी की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है। स्ट्रेंथ और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
- तो डीप स्लीप के साथ ही अगर आप पेट से जुड़ी समस्याओं से दूर रहना चाहते हैं। तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो आज से ही शुरू कर दें इनका अभ्यास।
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