
अक्सर वर्कआउट या किसी शारीरिक गतिविधि के बाद बदन दर्द की समस्या बढ़ जाती है। वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में अकडऩ और पूरे शरीर में दर्द होने लगता है, क्योंकि मांसपेशियों के फाइबर बहुत माइक्रो लेवल पर टूटने लगते हैं, जो कुछ दिन में खुद ही रिपेयर भी हो जाते हैं। आमतौर यह ऐसा दर्द कम समय के लिए होता है, लेकिन अगर ये दर्द दो से तीन दिन तक या हफ्ते भर तक बना रहे तब ये चिंता का विषय है।
इस दर्द को ठीक करने में पौष्टिक आहार का बहुत महत्व है। बदन दर्द या कोई पुराना दर्द कब तक रहेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या खाते हैं और क्या नहीं। ऐसा शोध में भी पाया गया है कि हम अगर अनहेल्दी खाते हैं, तो शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक उसी तरह काम करता है, जैसे वो किसी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के प्रति करता है। इसलिए हमारा खानपान हमारी इम्युनिटी पर बहुत असर डालता है और किसी मिनरल की कमी होने पर बीमारी और दर्द लेकर आता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स का एक ग्रुप जिसे पॉलीफेनोल कहते हैं, इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव के कारण बदन दर्द से बहुत राहत मिलती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी डाइट के बारे में जिसे खाने से बदन दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
हाई प्रोटीन डाइट

प्रोटीन खुद में एक बेहद बेहतरीन पेन किलर है। मांसपेशियों में हो रहे वियर टियर को प्रोटीन रिपेयर करने में मदद करता है। प्रोटीन ग्लूकैगन को सक्रिय करता है, जो लिवर द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है। हाई शुगर खाने के साथ अगर हाई प्रोटीन डाइट ली जाती है, तो शुगर स्पाइक से बचा जा सकता है। इसी तरह प्रोटीन युक्त नट्स में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाता है।
प्लांट बेस्ड डाइट

ऐसी डाइट इंफ्लेमेशन से लड़ कर मोटापे और बदन दर्द से भी लड़ती है और इनसे छुटकारा दिलाती है। आजकल एक प्लांट बेस्ड डाइट बहुत प्रचलन में है, जिसे मेडीटरेनियन डाइट कहते हैं, जिससे कई दर्द और बीमारियां दूर होती हैं।
ग्लूटन फ्री डाइट
ग्लूटन एक प्रोटीन है, जो कुछ अनाज में पाया जाता है। अन्य प्रोटीन की तुलना में इसे हम अच्छे से पचा नहीं पाते हैं। कुछ लोगों में शरीर की इम्युनिटी इसे एक दुश्मन की तरह समझ कर इसके प्रति इंफ्लेमेशन पैदा करती है, जिससे ग्लूटन सेंसिटिविटी होती है। ऐसे में अगर ग्लूटन को अपनी डाइट से हटा दिया जाए और एक हेल्दी ग्लूटन फ्री डाइट फॉलो की जाए तो आर्थराइटिस जैसे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। ग्लूटन छोडऩे के कुछ हफ्तों बाद ही इस प्रकार के दर्द से निजात मिलना शुरू हो जाता है।
यह भी पढ़ें : हाथरस हादसा: छह सेवादार गिरफ्तार, मुख्य आरोपी पर एक लाख का इनाम