झारखंड में भाजपा को ‘अपनों’ से खतरा, पार्टी की रणनीति पर पानी फेर सकते हैं ये बागी धुरंध

रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ इंडिया गठबंधन से ही लड़कर अपनी जीत की पटकथा नहीं लिख सकती है। बल्कि अब भारतीय जनता पार्टी को पहले राज्य में अपनों से ही जंग करनी पड़ेगी। दरअसल, चुनाव की शुरूआत में भाजपा नेताओं के विद्रोही तेवरों ने पार्टी के रणनीतिकारों की परेशानी को बढ़ा दिया है। तो वहीं इनमें से कुछ नेताओं ने टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी से साथ विद्रोह का बिगुल फूंका है। अब इन विद्रोहियों के जोर आजमाइश का पार्टी पर कितना प्रभाव पड़ेगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन राज्य में फिलहाल तो भाजपा को डैमेज कंट्रोल के संकट से गुजरना पड़ रहा है।

बता दें कि झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। रघुवर सरकार में मंत्री रहीं लुइस मरांडी समेत करीब आधा दर्जन बीजेपी नेताओं और पूर्व विधायकों ने झामुमो का दामन थाम लिया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। लुई मरांडी प्रदेश बीजेपी की उपाध्यक्ष थीं। ऐसे में उनके दल बदलने से संताल परगना में काफी प्रभाव पड़ा है। लुईस के साथ ही ऐसे कई अन्य नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा है, जो चुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचाने का माद्दा रखते हैं। वहीं झामुगो भी इसी प्रयास में है कि इन नेतां को आगेकर बीजेपी के खिलाफ हथियार बनाया जा सके।