
जयपुर। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद द्वारा शासन सचिवालय के परिसर में होली से पूर्व त्योहार की मिठास और अपनेपन के एहसास को समेटे तीन दिवसीय राजीविका प्रदर्शनी की शुरूआत हुई। त्योहार के आनंद को दोगुना करने के लिए प्रदर्शनी में होली के रंगों से लेकर लजीज मिठाइयों तक विभिन्न उत्पादों की आकर्षक स्टॉल लगाई गई हैं। राजीविका की स्टॉल में विभिन्न क्लस्टर एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बनाए उत्पादों की बिक्री की जा रही है। हर्बल गुलाल, ऑर्गेनिक मसाले, बाजरे के लड्डू, कुरकुरे व बिस्कुट, न्यूजपेपर व चिप्स के पैकेट से बने बैग, नमकीन, पापड़, अचार आदि के साथ राजीविका परिषद ने लोगों को होली के त्योहार की बधाई दी है।
गीता का गुलाल, सुशीला के बैग्स की मांग
प्रदर्शनी में झाड़ोल, उदयपुर से आई गीता सुथार, श्रीनाथ क्लस्टर के जय हनुमान स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं। उनका कहना है कि क्लस्टर से 312 स्वयं सहायता समूहों की 3 हजार 580 महिलाएं जुड़ी हुई हैं एवं हर्बल गुलाल व ऑर्गेनिक मसाले बनाने का काम कर रही हैं। गीता ने बताया कि होली के समय कृत्रिम रंगों से होने वाले इन्फेक्शन और एलर्जी से बचने के लिए उनके बनाए हर्बल गुलाल पूरी तरह सुरक्षित हैं।
असनावर, झालावाड़ के सरस्वती स्वयं सहायता समूह की सुशीला देवी ने बताया कि उनके समूह में 20 महिलाएं हैं, जो अखबार व चिप्स के पैकेट से बैग, कॉटन बेडशीट एवं तौलिए बनाती हैं। अखबार व चिप्स के पैकेट से बने उनके बैग समस्त भारत में इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके बैग अमरीका भी निर्यात किए जाते हैं।
स्वयं सहायता समूह से आ रही आर्थिक समृद्धि
अन्य स्वयं सहायता समूह जैसे देदाजी स्वयं सहायता समूह, चामुंडा माता स्वयं सहायता समूह, हल्दीघाटी पर्फ्यूम होम एवं वंदना राजीविका क्लस्टर से आई महिलाओं ने शर्बत, इत्र, नमकीन, पापड़, आदि की स्टॉल लगाई। यह राजीविका प्रदर्शनी शासन सचिवालय में 3 मार्च तक जारी रहेगी। गौरतलब है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं न सिर्फ अपने हुनर को पहचान दे रही हैं, बल्कि आर्थिक लाभ अर्जित कर परिवार को भी सशक्त बनाने में जुटी हैं।