बारिश के दिनों में बढ़ जाता है गले का संक्रमण, घर पर कर करते हैं ये उपाय

बारिश के दिनोंं में गले के संक्रमण को कैसे कम करें
बारिश के दिनोंं में गले के संक्रमण को कैसे कम करें

मानसून का यह मौसम कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों के जोखिमों वाला हो सकता है। वातावरण में आद्र्रता की स्थिति के चलते बैक्टीरिया और वायरस बढऩे लगते हैं, यही कारण है कि इस मौसम में सामान्य फ्लू, त्वचा की बीमारियों, पेट के संक्रमण और कंजंक्टिवाइटिस का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। मौसम में होने वाले बदलाव के कारण गले में संक्रमण और सर्दी-जुकाम का जोखिम भी अधिक रहता है। सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे वायरल संक्रमण मानसून के मौसम में गले में खराश का कारण बनते हैं। इसके अलावा मानसून की हवा में अत्यधिक नमी के कारण होने वाली एलर्जी भी गले में जलन का कारण बन सकती है। मानसून की नमी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देती है जिससे इस प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सामान्यतौर पर ये समस्याएं कुछ दवाओं से ठीक किए जा सकते हैं। गले के संक्रमण और दर्द से राहत पाने में कुछ घरेलू उपायों को भी कारगर पाया गया है।

गले में संक्रमण की समस्या का जोखिम

गले में संक्रमण की समस्या का जोखिम
गले में संक्रमण की समस्या का जोखिम

गले में संक्रमण की स्थिति में दर्द या जलन की समस्या होने लगती है जिसके कारण निगलने में दिक्कत होने लगती है। गले में संक्रमण की स्थिति में कुछ सामन्य से घरेलू उपायों के माध्यम से भी राहत मिल सकती है। हमारे घरों में कई ऐसी कारगर औषधियां मौजूद होती है जिनकी मदद से आसानी से गले में दर्द और इससे संबंधित समस्याओं में लाभ पाया जा सकता है। आइए ऐसे ही कुछ कारगर उपायों के बारे में जानते हैं।

गर्म पेय और शहद से मिलता है लाभ

गर्म पेय और शहद से मिलता है लाभ
गर्म पेय और शहद से मिलता है लाभ

मानसून के दिनों में गले में होने वाले संक्रमण की समस्या से राहत पाने के लिए गर्म पेय का सेवन किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि गले की समस्याओं में राहत पाने के लिए शहद का सेवन करना भी आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। एक या दो चम्मच शहद का सेवन करने से बलगम के उत्पादन को कम किया जा सकता है। शहद कीटाणुओं को भी मारता है। गर्म पेय से सिर की जकडऩ और खांस की समस्या से राहत मिलती है।

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