
सत्ता और संगठन में मिलेगा उचित स्थान
जलतेदीप जयपुर। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सहित कई दलों के नेताओं ने भाजपा का झंडा थाम लिया। करीब 1400 से ज्यादा नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इन नेताओं में बहुत से तो कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। प्रदेश की सभी 25 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी तय हो चुके हैं। भाजपा ने कांग्रेस से आए सिर्फ दो नेताओं ज्योति मिर्धा और महेंद्रजीत सिंह मालवीय को ही टिकट दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि बाकी बचे नेताओं का क्या होगा?
सूत्रों के अनुसार, वैसे तो दूसरे दलों से भाजपा में आए सभी नेताओं ने बिना किसी शर्त पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है लेकिन पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि जिन लोगों को टिकट नहीं दिया गया है। उन्हें चुनाव के बाद सत्ता और संगठन में उचित स्थान दिया जाएगा।
ज्योति मिर्धा और मालवीय को ही टिकट क्यों?
नागौर सीट पर भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं था। जाट बहुल इस इलाके में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीन विधायक थे। बेनीवाल की यहां अच्छी खासी पकड़ थी। हनुमान खुद पहली बार भाजपा की टिकट पर ही यहां विधायक चुनकर आए थे। ऐसे में गत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हनुमान की पार्टी आरएलपी से गठबंधन किया और हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को यहां से हराया। बाद में बेनीवाल ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। अब पार्टी के पास नया चेहरा तलाशने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। गत वर्ष हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व पार्टी ने क्षेत्र में दबदबा रखने वाले मिर्धा परिवार में सेंध लगाई और कांग्रेस पार्टी की बड़ी नेता ज्योति मिर्धा को भाजपा में शामिल किया। पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में मैदान में भी उतारा लेकिन वे चुनाव हार गईं। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने एकबार फिर से उन्हीं पर बड़ा दांव खेला है। वहीं बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां विधानसभा चुनावों में भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। क्षेत्र की नौ सीटों में से केवल दो सीटों पर ही भाजपा उम्मीदवार जीत पाए। बाकी की सात सीटों में से पांच पर कांग्रेस और दो पर बीएपी के विधायक बने। ऐसे में पार्टी ने आदिवासी इलाके के सबसे बड़े चेहरे और कांग्रेस के बड़े नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय को पार्टी में शामिल किया और अब लोकसभा चुनाव में उन्हें अपना उम्मीदवार बनाकर दम ठोका है।