घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए रोज करें वृक्षासन

वृक्षासन
वृक्षासन

हमारे योग में कई ऐसे आसन हैं जो न केवल शारीरिक शक्ति को बढ़ाते हैं बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं। इन्हीं में से एक है वृक्षासन जिसे ट्री पोज भी कहा जाता है। यह बैलेंस पर आधारित एक बहुत ही फायदेमंद योग मुद्रा है, जो शरीर को स्थिरता और मानसिक स्पष्टता प्रदान करती है। इस आसन का नाम ‘वृक्ष’ (पेड़) से प्रेरित है, क्योंकि इसे करने वाला व्यक्ति एक स्थिर वृक्ष की तरह दिखता है। नियमित रूप से वृक्षासन करने से शरीर और मन दोनों को कई लाभ मिलते हैं। तो आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभों के बारे में।

संतुलन और स्थिरता में सुधार

वृक्षासन
वृक्षासन

वृक्षासन शरीर के बैलेंस को सुधारता है और व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। यह शरीर में संतुलन बनाए रखने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे गिरने या असंतुलन की संभावना कम होती है।

टांगों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है

इस आसन में एक पैर पर खड़े रहने से टांगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही, रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, जिससे शरीर के गेस्चर में सुधार आता है।

ध्यान और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है

वृक्षासन करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। यह मानसिक स्पष्टता को सुधारता है और व्यक्ति को अधिक सतर्क और जागरूक बनाता है।

घुटनों और टखनों को मजबूत करता है

इस आसन के दौरान घुटनों और टखनों पर भार पड़ता है, जिससे वे अधिक लचीले और मजबूत बनते हैं। यह जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।

तंत्रिका तंत्र को शांत करता है

यह योगासन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और तनाव, चिंता और मानसिक अशांति को दूर करता है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है।

श्वसन प्रणाली को सुधारता है

इस योग से शरीर संतुलित अवस्था में आकर गहरी सांस लेता है जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और श्वसन प्रणाली में सुधार होता है।
पैरों की मांसपेशियों को टोन करता है
वृक्षासन पैरों की मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है और शरीर की लचीलापन बढ़ाता है।
आत्मविश्वास को बढ़ाता है
इस आसन का अभ्यास करने से व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति अधिक पॉजिटिव महसूस करता है।

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