पुणे की बाघिन भक्ति के अब नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटकों को होगा दीदार

बाघिन भक्ति
बाघिन भक्ति

जयपुर। वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। टाइगर सफारी की पहली मेहमान बाघिन भक्ति आज सुबह जयपुर पहुंच गई है। इसे यहां नाहरगढ़ जैविक उद्यान में रखा गया है। जहां टाइगर सफारी के दौरान उसकी दहाड़ सुनाई देगी। दरअसल, नाहरगढ़ जैविक उद्यान में लॉयन सफारी की तरह टाइगर सफारी शुरू होगी। इस कारण वन विभाग द्वारा सफारी के लिए एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत बाघिन को जयपुर लाया गया है। बता दे कि जैविक उद्यान से बाघिन के बदले में तीन भेडि़ए और एक मादा जरख भेजे गए थे।

 नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क

डीएफओ जगदीश गुप्ता ने बताया कि टीम करीब 1400 किलोमीटर की दूरी तय कर 7 वर्षीय बाघिन भक्ति को लेकर आज सुबह 8.30 बजे नारगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंची। उपवन संरक्षक जगदीश गुप्ता की मौजूदगी में बाघिन को कराल में शिफ्ट किया गया है। बाघिन को अभी 21 दिन क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद इसका यहां पहले से मौजूद बाघ शिवाजी के साथ जोड़ा बनाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल नेशनल पार्क से बाघिन ‘भक्ति’ को लेने के लिए दो मार्च को नाहरगढ़ जैविक उद्यान से वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर के नेतृत्व में टीम रवाना हुई थी। वो सोमवार को पुणे पहुंची थी। टीम गुरुवार को पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल नेशनल पार्क से बाघिन भक्ति को लेकर जयपुर के लिए रवाना हुई और आज सुबह जयपुर पहुंची।

सफारी के दौरान बाघिन का दीदार कर पाएंगे सैलानी

बाघिन को नाहरगढ़ जैविक उद्यान में लाते ही मल मूत्र का सैंपल लिया गया और कराल में शिफ्ट किया गया। अब बाघिन को 21 दिन के लिए क्वारंटीन रखा जाएगा। यह पीरियड पूरा होने के बाद उसे बाघ शिवाजी के साथ जोड़ा बनाने का प्रयास किया जाएगा। सैलानी इसका दीदार सफारी के दौरान ही कर पाएंगे। क्योंकि इसे संभवत: डिस्प्ले एरिया में नहीं रखा जाएगा।

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