
जयपुर। गृह मंत्रालय के सौजन्य से नेहरू युवा केंद्र द्वारा आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन जयपुर में किया गया। नेहरू युवा केंद्र संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ भुवनेश जैन ने बताया कि नेहरू युवा केंद्र छत्तीसगढ़ के राज्य निदेशक अतुल निकम, जिला युवा अधिकारी,दांतेवाड़ा शिवम,जिला युवा अधिकारी जगदलपुर अंजलि ने समिति की ओर से कंप्युटर सेट रंजीता को उपहार में आज प्रदान किया गया है। रंजीता ने पद्मविभूषण मेहता को फोन कर खुशी जाहिर की और पद्मविभूषण डी आर मेहता मेहता ने शुभकामनाएं दी। क्षेत्रीय निदेशक डॉ जैन एवं राज्य निदेशक किशन लाल पारचा ने भी रंजीता को बधाई दी।

नेहरू युवा केंद्र द्वारा आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में रंजीता को जयपुर आने का अवसर मिला था। इस कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं को भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की दौरा करवाया गया तथा संस्थापक पद्मविभूषण डी आर मेहता से संवाद करने का अवसर मिला। ऐसे पांच और युवाओं ने भी संवाद किया, जिनके परिजनों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इसमें रंजीता के परिवार की स्थिति ज्यादा चुनौतीपूर्ण थी। संवाद में रंजीता ने बताया कि उसकी पसंद अपने इलाके में कंप्युटर सेंटर शुरू करने का है ताकि अपनी पढ़ाई जारी रख सके और अपने छोटे भाई को भी पढ़ा सके। मेहता ने भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति और प्राकृत भारती की ओर से रंजीता को कंप्युटर सेट, लेमिनेशन मशीन उपहार में देना तय किया था।
छत्तीसगढ़ की 19 वर्षीया आदिवासी युवती रंजीता वासम के पिता चंदु वासम की नक्सलियों ने पंद्रह वर्ष पूर्व हत्या कर दी थी। रंजीता की माता गौरी के लिए छोटे छोटे दो बच्चों और एक बच्ची का लालन-पालन करना चुनौतीपूर्ण हो गया। बड़ा बच्चा पढ़ाई छोडकर बाल श्रमिक बन गया और बिजली वायरिंग के काम में लग गया. लेकिन परिवार के अच्छे दिन लौट नहीं पाए, परिवार अभी भी संघर्ष में है। रंजीता ने 12 वीं तक कि पढ़ाई की है। वह स्वयं आगे बढ़ना चाहती है, पढ़ना चाहती है और अपने छोटे भाई को भी आगे पढ़ाने का अरमान रखती है. वो अपने इलाके में कम्पुटर सेंटर खोलने का सपना संजोए थी लेकिन उसके लिए उसके पास पैसा नहीं था। जयपुर फुट निःशुल्क लगाने वाली भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति ने रंजीता को कंप्युटर सेट के रूप मे पांव दिए है जिससे वह अपने पाँवों पर खड़ी हो पाए।