रक्षा मंत्री राजनाथ की विपक्षी नेताओं के साथ बैठक, अग्निपथ पर सहमति बनाने की कोशिश

विपक्षी नेताओं के सामने योजना से संबंधित तथ्यों को सामने रखकर भर्ती नीति पर की चर्चा

नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अग्निपथ योजना पर सहमति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान राजनाथ सिंह ने योजना से संबंधित तथ्यों को सामने रखकर संविदा भर्ती नीति के बारे में विपक्ष की आशंकाओं को दूर करने के लिए व्यक्तिगत पहल की। विपक्षी खेमे के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद रक्षा मंत्री ने इसे ‘महान बैठक’ करार दिया।

तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया के लिए पिछले माह 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की गई थी। इसके बाद पूरे देश में एक साथ बड़े पैमाने पर हंगामा शुरू कर दिया गया था। भर्ती मॉडल को पूरे भारत में बड़े पैमाने पर आंदोलन का सामना करना पड़ा, जिसमें नाराज उम्मीदवारों ने रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया और ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी। तेलंगाना के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर ऐसे ही एक विरोध में एक किसान के परिवार से ताल्लुक रखने वाले और भारतीय सेना में शामिल होने के इच्छुक एक युवक की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।

संसद के 18 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से पहले सेनाओं में केंद्र की नई भर्ती नीति ‘अग्निपथ’ योजना पर विपक्षी सांसदों की आशंकाओं को दूर करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ ने आज व्यक्तिगत पहल करते हुए बैठक बुलाई। बैठक के बाद राजनाथ सिंह के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय को देखा गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने लगातार ‘अग्निपथ’ योजना पर अपनी चिंताओं को उठाया है।

इस बीच देश की तीनों सेनाओं ने पहले ही ‘अग्निपथ’ योजना के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया है, जिसमें भारतीय वायु सेना सबसे अधिक पंजीकरण के साथ दौड़ में सबसे आगे है। आईएएफ में भर्ती के लिए लगभग 7.5 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है। इसी तरह भारतीय सेना और नौसेना ने 01 जुलाई से पंजीकरण स्वीकार करना शुरू किया। भर्ती नीति के तहत ‘अग्निवीर’ को चार साल के लिए सेनाओं में नियुक्त किया जाएगा। इसके बाद योग्यता, चिकित्सा फिटनेस और इच्छुक ‘अग्निवीरों’ में से 25 प्रतिशत को नियमित संवर्ग में रखा जाएगा। नौसेना के पहले बैच में 20 प्रतिशत तक महिलाएं होंगी। इन्हें देश के समुद्री रक्षा बल की विभिन्न शाखाओं में भेजा जाएगा। नौसेना में 01 जुलाई से करीब 10 हजार महिला उम्मीदवारों ने आवेदन किया है।