
नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ट्विटर ने बुधवार को देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खो दिया है। यानी अब ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखा।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर कानूनी संरक्षण का हकदार है? हालांकि, मामले में सीधी बात यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुई गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहा है। इसके बाद भी उन्हें काफी मौके दिए गए थे। फिर भी उन्होंने जानबूझकर गाइडलाइन न मानने का रास्ता चुना।
दरअसल, ट्विटर का कानूनी संरक्षण खत्म होने को लेकर केंद्र सरकार ने कोई भी आदेश जारी नहीं किया है। आईटी मंत्रालय की ओर जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं करने की वजह से कानूनी संरक्षण अपने आप खत्म हुआ है। कानूनी संरक्षण 25 मई से खत्म माना गया है।

ट्विटर को नियमों का पालन न करना भारी पड़ा
नए आईटी नियमों का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ा। सरकार की ओर से जारी किए गए आईटी नियमों को ट्विटर ने अब तक लागू नहीं किया है, जिसके बाद उसके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। यानी ट्विटर पर भी अब आईपीसी के तहत मामले दर्ज हो सकेंगे और पुलिस पूछताछ भी कर सकेगी।
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