
चित्तौडग़ढ़। मीरा स्मृति संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय मीरा महोत्सव सोमवार रात्रि को देश के ख्यातनाम लोक कलाकारों की आकर्षक नृत्य प्रस्तुति के साथ सम्पन्न हो गया। इस मौके पर पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृति केंद्र उदयपुर, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज तथा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के लोक कलाकारों एंव गायकों की प्रस्तुति ने भरत बाग को महारास के रूप में जीवंत करने में कोई कोर कसर नहीं रखी।

इस बीच गुजरात का पारम्परिक राठवा नृत्य वहा के जनजातिय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कर दर्शनों को आनंदित कर दिया। वही राधा एंव कृष्ण के साथ मयूर नृत्य की प्रस्तुति इतनी मनमोहक रही कि कई बार दर्शक कलाकारों का तालियों से उत्साहवर्धन करते नजर आये। इसी प्रकार बरसाने की लठ्ठमार होली ने आश्विन माह में फाल्गुन के होली महोत्सव को प्रकट करने में काई कोर कसर नहीं रखी। इस दौरान जयपुर घराने के कथक कलाकार, दिल्ली से आये हरीश गंगानी के नेतृत्व में मीरा के प्रिय भजनों के साथ गिरधर अनुरागी मीरा की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को मीरा और उसके आराध्य गिरधर गोपाल से साक्षात्कार कराकर आनंदित कर दिया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड से आई विमला बोहरा एंव साथियों द्वारा नंदा देवी, सुनंदा देवी की आराधना करते हुए शानदार प्रस्तुति दी। इसी प्रकार बारा के लोक कलाकारों ने चकरी नृत्य प्रस्तुति कर राजस्थान लोककला को जीवंत कर दिया।

मीरा म्युजियम के लिये पांच करोड़ की घोषणा
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शक्ति व भक्ति की पावनधरा पर मीरा म्युजियम की स्थापना के लिये केंद्र सरकार की ओर से पांच करोड़ रूपये की घोषणा की। मेघवाल सोमवार रात्रि को मीरा महोत्सव के द्वितीय दिवस आयोजित राष्ट्रीय लोक नृत्योत्सव समारोह में भक्त शिरोमणि मीरा की छवी के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुर्ग की प्राचीर को रोशनी से जगमगाने के लिये प्रस्ताव आने पर समुचित प्रकाश व्यवस्था के लिये बजट सुलभ कराया जायेगा। उन्होंने पर्वत मालाओं के देव स्थानों के प्रति आकर्षण की दृष्टि से दुर्ग पर रोपवे के लिये भी स्थानीय स्तर पर प्रस्ताव आने पर इस कार्य को स्वीकृत करने का विश्वास दिलाया।

इस आयोजन में संस्कृति राज्य मंत्री के आगमन की खास उपलब्धि यह रही कि उन्होंने मीरा को एक विशिष्ठ व्यक्तित्व के रूप में प्रकट करते हुए मीरा के प्रसिद्ध भजन पायो जी मैने राम रतन धन पायों को अपनी ही गायिकी में प्रस्तुत करते हुए मीरा भाव को प्रकट किया, जिसमें अवगत कराया कि संसार में रामरतन ही ऐसा धन है जो ना तो खर्च होता है ना कोई लूट सकते है बल्कि यह धन तो दिन-दिन बढता ही जाता है। उनकी भजन के रूप में प्रस्तुति ने आयोजकों एंव दर्शकों को अनूठे रूप में स्वीकारते हुए कहा कि यह पहला अवसर है कि जब मीरा महोत्सव में संस्कृति राज्य मंत्री आगमन यादगार बन जायेगा।

इस मौके पर संस्थान अध्यक्षा एस एन समदानी, उपाध्यक्ष अनिल सिसोदिया, ए एल जैन, सचिव अर्जुन मूंदड़ा, सह सचिव ओ पी ओदित्य, सुनिल ढिलीवाल, विनायक द्विवेदी, गोविंद गदिया सहित अन्य पदाधिकारियों एंव सदस्यों ने मुख्य अतिथि राज्य मंत्री, अध्यक्ष सांसद सी पी जोशी, विशिष्ठ अतिथि विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, ललित ओस्तवाल, जिलाध्यक्ष गौतम दक, जिला प्रमुख डॉ सुरेश धाकड़ सहित अन्य अतिथियों का आत्मिक स्वागत अभिनंदन किया। इस मौके पर सांसद जोशी एंव विधायक आक्या ने मीरा म्युजियम के लिये पांच करोड़ रूपये की घोषणा करने पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मेघवाल के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ इंदिरा बल्दवा व प्रतिभा तिवारी ने किया जबकि संस्थान अध्यक्ष समदानी ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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