दो मनचलों ने बरकतुल्लाह स्टेडियम में महिला कॉन्स्टेबल को छेड़ा, मना करने पर पुलिस से उलझे

बरकतुल्लाह स्टेडियम में महिला कॉन्स्टेबल को छेड़ा
बरकतुल्लाह स्टेडियम में महिला कॉन्स्टेबल को छेड़ा

जोधपुर। जोधपुर के बरकतुल्लाह स्टेडियम में 2 युवकों ने महिला कॉन्स्टेबल के साथ छेड़छाड़ की। शनिवार को लीजेंड्स लीग का दूसरा मैच दोपहर 3 बजे से इंडिया कैपिटल्स और अर्बन हैदराबाद के बीच खेला गया। मैच के दौरान दर्शक दीर्घा के पास खड़ी एक महिला कॉन्स्टेबल से 2 युवक अभद्रता करने लगे। महिला कॉन्स्टेबल ने युवकों को समझाया, लेकिन दोनों नहीं माने। इस पर उसने अपने अन्य साथी पुलिसकर्मियों को बुलाया। जब अन्य पुलिसकर्मी वहां आए तो दोनों युवक उनसे भिड़ गए। इसके बाद पुलिस जाब्ता बुलाया गया और दोनों को कॉलर पकडक़र स्टेडियम से बाहर ले जाया गया। इस दौरान एक मनचला बार-बार पुलिसकर्मियों को धमकाने का प्रयास करता रहा, जबकि दूसरा गिड़गिड़ाकर माफी मांगता रहा। कहता रहा- मैंने छेड़छाड़ नहीं की। पुलिस जब मनचलों को लेकर स्टेडियम के बाहर पहुंची तो एक आरोपी पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने लगा। इस पर शास्त्री नगर थाने के एएसआई नवीन सागर ने पिटाई करते हुए दोनों को गाड़ी में डाला और थाने ले गए।

एडहॉक कमेटी के मेंबर और पुलिसकर्मी में हुई कहासुनी

बरकतुल्लाह स्टेडियम में महिला कॉन्स्टेबल को छेड़ा
बरकतुल्लाह स्टेडियम में महिला कॉन्स्टेबल को छेड़ा

उधर, मैच के दौरान पुलिसकर्मियों और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी के सदस्य के बीच भी विवाद हो गया। शुक्रवार को हुए मैच के दौरान वीआईपी सीटों पर जगह नहीं थी। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने सिविल ड्रेस में अपने कॉन्स्टेबल वीआईपी बॉक्स में तैनात कर रखे थे। यहां एडहॉक कमेटी के सदस्य धर्मवीर सिंह की पुलिसकर्मी से कहासुनी हो गई, उन्होंने पुलिसकर्मी को वहां से उठने को कहा। मामला बढऩे पर एडीसीपी निशांत भारद्वाज और एसीपी नरेंद्र सिंह ने उनको समझाने की कोशिश की, लेकिन धर्मवीर सिंह नहीं माने। इसके बाद पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर धर्मवीर सिंह को पुलिस जीप में बैठा लिया और थाने ले गए। मामला बढ़ता देख एडहॉक के अधिकारियों ने एडहॉक कमेटी के संयोजक जयदीप बिहानी को सूचना दी। उन्होंने आकर मामला शांत करवाया।

मैंने वीआईपी सोफे पर बैठे लोगों को दूसरी जगह बैठने के लिए कहा था

एडहॉक कमेटी के सदस्य धर्मवीर शेखावत ने बताया कि मैच देखने राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत आने वाले थे। मैं आरसीए के बॉक्स में गया और वहां वीआईपी सोफे पर बैठे कुछ लोगों से निवेदन किया कि यहां राज्यसभा सांसद आ रहे हैं, आप दूसरी जगह बैठ जाएं। इस पर वहां मौजूद लोगों ने कहा- वे पुलिस डिपार्टमेंट से है। उन लोगों ने वर्दी नहीं पहनी थी और न ही उनके पास कोई आईडी थी। उन पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद एडीसीपी निशांत भारद्वाज, एसीपी नरेंद्र सिंह से शिकायत कर दी। तब मैंने कहा कि मैंने निवेदन किया कि शुक्रवार को भी काफी अव्यवस्था हो गई थी। अभी भी व्यवस्था करनी पड़ेगी। इतने में एडहॉक कमेटी के वेन्यू मैनेजर विमल शर्मा भी आ गए, उनसे भी बहस हुई। इसके बाद मुझे थाने ले गए और कहा- मैच खत्म होने के बाद छोड़ेंगे।

धमकाने और बदतमीजी करने पर थाने ले गए

एडीसीपी निशांत भारद्वाज ने बताया- वहां मौजूद 2 आईपीएस और 4 एसएचओ के बीच यह व्यक्ति अभद्रता कर रहा था। सांसद के नाम की धमकी दे रहा था। यह भी बोला कि पिछली बार हमने पुलिस को घुसाया भी नहीं था। सीनियर अधिकारियों के बीच धमकाने और बदतमीजी करने पर थाने ले गए। आरसीए के सभी पदाधिकारियों के माफी मांगने के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया।

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