केरल में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत! कितना खतरनाक है यह वायरस जानें

निपाह वायरस
निपाह वायरस

कोरोना महामारी के बाद से ही हर कोई अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क हो चुका है। इस भयंकर बीमारी ने दुनियाभर मे कई लोगों की जान छीन ली थी। ऐसे में अब लोग अपनी सेहत का खास ख्याल रखने लगे हैं। बीते कुछ समय से कोरोना के मामलों में कमी के चलते लोगों ने राहत की सांस ली ही थी कि अब एक और वायरस ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, हाल ही में केरल में निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। यहां दो अन-नचुरल मौतों के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इसकी वजह निपाह वायरस ही है, जिसके बाद से ही राज्य में हडक़ंप मच गया है। राज्य में इसे लेकर अलर्ट जारी है। हालांकि, इसे लेकर लोगों की चिंता भी काफी बढ़ गई है।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस
निपाह वायरस

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक निपाह वायरस, एक जानलेवा वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। यही वजह है कि इसे जूनोटिक वायरस भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से फ्रूट बेट्स से फैलता है, जिसे उडऩे वाली लोमड़ी के नाम से भी जाता है। हालांकि, चमगादड़ के अलावा यह वायरस सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते या बिल्ली जैसे अन्य जानवरों के जरिए भी फैल सकता है। यह वायरस आमतौर पर किसी संक्रमित जानवर के शारीरिक तरल पदार्थ जैसे खून, मल, पेशाब या लार के संपर्क में आने से फैलता है।

कहां पाया जाता है निपाह वायरस?

निपाह वायरस
निपाह वायरस

लगभग हर साल एशिया के कुछ हिस्सों, मुख्य रूप से बांग्लादेश और भारत में निपाह वाायरस का प्रकोप देखने को मिलता है। सबसे पहले इसकी खोज साल 1999 में हुई थी, जहां इस वायरस की वजह से मलेशिया और सिंगापुर में 100 लोगों की मौत हो गई थी। इस वायरस के प्रति संवेदनशील देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड आदि शामिल हैं।

क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण?

आमतौर पर इस वायरस के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों के अंदर लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं। शुरुआत में पहले बुखार या सिरदर्द और बाद में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं होती हैं। निपाह वायरस के शुरुआती लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

बुखार
सिरदर्द
सांस लेने में कठिनाई
खांसी और खराब गला
दस्त
उल्टी
मांसपेशियों में दर्द

बहुत ज्यादा कमजोरी

गंभीर मामलों में, यह वायरस दिमाग में संक्रमण की वजह बन सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके गंभीर मामलों में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-

निपाह वायरस का कारण क्या है?

निपाह वायरस का पहला मामला तब सामने आया जब संक्रमित सुअरों के संपर्क में आने से लोग बीमार पडऩे लगे। इसके बाद विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष निकाला था कि मूल सोर्स के रूप में चमगादड़ से ही यह वायरस सूअरों तक पहुंचा था। अगर कोई व्यक्ति या जानवर किसी संक्रमित चमगादड़ या सुअर के तरल द्रव जैसे खून,मल,पेशाब या लार के संपर्क में आते हैं, यह उन्हें भी संक्रमित कर देगा। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के तरल पदार्थ से दूषित फूड आइटम्स के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।

कैसे करें निपाह वायरस का निदान?

अगर आपको ऊपर बताए निपाह वायरस के कोई लक्षण लंबे समय से नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट की मदद से इन वायरस का निदान कर सकते हैं। इस टेस्ट के लिए निम्न शारीरिक तरल पदार्थों की जरूरत पड़ती है।

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