नई दिल्ली
भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि बैठक बहुत ही लाभदायक और सकारात्मक थी। बैठक शुरू होने से पहले, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, चार मंत्रियों ने संकल्प लिया कि वे भारत-अमेरिका की रणनीतिक वैश्विक साझेदारी की पूर्ण क्षमता का एहसास करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे। वाशिंगटन डीसी में टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक मुद्दा उठाए जाने पर रवीश कुमार ने कहा, विदेश मंत्रालय ने भारत के आंतरिक मामले में इस मुद्दे पर टू प्लस टू बैठक में चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा कि विदेश संबंध पर सीनेट समिति के साथ विदेश मंत्री द्वारा बैठक में चर्चा की गई बारीकियों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हमारा दृष्टिकोण अमेरिकी कांग्रेस सहित अमेरिकी वार्ताकारों के साथ साझा किया गया है। रवीश कुमार ने कहा, हमने उन बिंदुओं पर प्रकाश डाला है, जिन्हें हमने संसद में और बाद में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा बार-बार कहा गया है। मैं केवल यह कह सकता हूं कि विदेश मंत्री ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ बैठक में नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुद्दे पर हमारे दृष्टिकोण को साझा किया है।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने पर सहमत हुए भारत-अमेरिका
भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता में दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने, रक्षा व्यापार बढ़ाने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए समान समझ वाले देशों के साथ समन्वय बढ़ाने और आंतकवाद के खिलाफ निर्णायक संघर्ष पर सहमत हुए हैं। वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने भारतीय समकक्षों विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस वार्ता के दौरान एक औद्योगिक सुरक्षा समझौते पर दस्तखत भी किए गए जो रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की अनुमति देता है। दोनों देशों के बीच दूसरी टू प्लस टू वार्ता के बाद विदेश मंत्री पोम्पियो ने कहा, आज की यह वार्ता पिछले साल हुई प्रगति पर आधारित है, जिसमें हमने अंतरिक्ष खोज, रक्षा और औद्योगिक समन्वय जैसे क्षेत्रों में नए समझौते किए हैं। दोनों देशों के सांसदों के लिए एक नया एक्सचेंज प्रोग्राम स्थापित करने पर भी सहमति हुई है। पोम्पियो ने कहा, हम आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए भारत के गठबंधन का समर्थन करते हैं। वार्ता के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि भारत के साथ हमारे रक्षा व्यापार व प्रौद्योगिकी रिश्ते बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, आज हमें औद्योगिक सुरक्षा अनुबंध (आईएसए) को अंतिम रूप देने पर गर्व है जो हमारे रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग की अनुमति प्रदान करता है।
आतंकवाद से भी मिलकर निपटेंगे दोनों देश
भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं। दोनों देशों के बीच राज्य प्रायोजित और सीमा पार से आतंकवाद के खतरों से निपटने पर भी चर्चा हुई। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट किया, 2019 में दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाक सीमा से जारी आतंकवाद पर चर्चा करते हुए अमेरिका के साथ अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिति के बारे में भारतीय आकलन को साझा किया। दोनों देशों ने आतंकवाद से मिलकर निपटने पर सहमति जताई। टू प्लस टू वार्ता में दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति कायम रखने के लिए जापान जैसे देशों के साथ समन्वय तेज करने पर भी सहमत हुए। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, बैठक में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय प्रयासों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, चाबहार परियोजना के लिए अमेरिकी सरकार के समर्थन को दोहराने के लिए मैं सचिव पोम्पिओ का बहुत आभारी हूं, जो अफगानिस्तान को लाभ पहुंचाएगा।
जल संसाधन पर समझौता
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के मुद्दे पर चल रही बातचीत को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने भरोसा जताया कि इसका संतुलित परिणाम सामने आएगा जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट होंगे। उन्होंने कहा, हमारे बीच जल संसाधन को लेकर भी एक समझौता हुआ है। यह समझौता हमारे मंत्रालय और अमेरिका के भूविज्ञान सर्वे के बीच जल प्रबंधन के क्षेत्र में गुणवत्ता परखने और सहयोग को लेकर हुआ है।
छह अरब डालर से अधिक की वृद्धि
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत-अमेरिका बेहतर और एक दूसरे का ध्यान रखने वाले व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 24 माह के दौरान अमेरिका से भारत को कच्चे तेल और एलएनजी के निर्यात में छह अरब डॉलर से अधिक की वृद्धि हुई है। यह दोनों के लिए अच्छा है और मुझे इस पर गर्व है कि हम अपने सहयोगियों के साथ साझा दृष्टिकोण पर आगे बढ़ रहे हैं।