
जयपुर। सरकार के विधायक-मंत्रियों द्वारा ब्यूरोके्रसी के आगे सरकार का सिक्का नहीं चलने जैसे बयानों पुष्टि होती दिखाई दे रही है, क्योंकि पिछले कई दिन सरकार के तमाम मंत्री तबादलों के लिए बैन हटने का इंतजार कर रहे हैं। मंत्री जैसे अहम पद पर होने के बावजूद उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि जिस ट्रांसफर लिस्ट के महीने की शुरुआत में ही आने की चर्चा चल रही थी वह अब तक क्यूं नहीं आई। प्रदेश की मौजूदा सरकार अफसरों और कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर असमंजस में नजर आ रही है। सबसे पहले ब्यूरोक्रेसी के टॉप अफसरों की लिस्ट आनी है। यहीं सरकार अटकी हुई है। हालांकि इस सप्ताह आईपीएस, आईएएस और आरएएस की ट्रांसफर लिस्ट आ सकती है जिसके बाद कर्मचारी के ट्रांसफर से भी बैन खुल जाएंगे।

बड़ा सवाल है कि जिस ट्रांसफर लिस्ट के महीने की शुरुआत में ही आने की चर्चा चल रही थी वह अब तक क्यूं नहीं आई। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में कई पॉवरफुल अफसर पिछले सरकार के समय से ही अहम पदों पर जमे हुए हैं। इसमें वित्त, कार्मिक, गृह, पर्यटन जैसे महकमें शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक तबादला सूची में हो रही देरी की बड़ी वजह भी वित्त विभाग ही है। इस महकमें के अफसरों को बरकरार रखने और बदलने के लिए दो पॉवर सेंटर बन चुके हैं।
ब्यूरोक्रेसी के लिए बड़ा मैसेज देने में नाकाम रही सरकार
राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी को लेकर पहली बार इतने सवाल उठ रहे हैं। सरकार की तरफ से अब तक किसी भी बड़े अफसर के खिलाफ न तो भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की गई। एसीबी की अभियोजन स्वीकृति और जांच के मामले भी सरकार में जस के तस पेंडिंग हैं। सिर्फ छोटे अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ ही सरकार की कलम चली है।
ब्यूरोक्रेसी को लेकर अब तक आए बयान
अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास कोई पावर नहीं है, और ना ही किसी मंत्री के पास है । मंत्री तो अपना विशिष्ट सहायक भी अपनी मनमर्जी से नहीं लगा पा रहे है । साथ ही कोई विशिष्ट सहायक किसी मंत्री के यहां लग रहा है, तो उसका बार-बार तबादला हो रहा है । मुख्य सचिव सुधांश पंत ही डिफैक्टो सीएम है । चल ही उन्ही की रही है । इसके अलावा सीएम से ज्यादा डिप्टी सीएम की पॉवर है।
बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत
ब्यावर से बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत ने अफसरशाही हावी होने पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस राज के समय से बैठे अफसरों ने कई जगह बपौती जमा रखी है। कई सरकारी कार्यालयों में कांग्रेस के कार्यकाल से अफसर बैठे हुए हैं, वहां उन्होंने ऐसे बपौती जमा रखी है कि जैसे शासन तो हम चला रहे हैं।
देवी सिंह भाटी ने भी उठाए थे अफसरशाही हावी होने पर सवाल
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी भी इससे पहले अफसरशाही के हावी होने पर सवाल उठा चुके हैं। भाटी ने पिछले दिनों कहा था कि अफसरशाही हावी है, नेता और विधायक मुख्य सचिव के यहां लाइन लगाकर खड़े रहते हैं। ब्यूरोक्रेसी हावी होने से नुकसान हुआ है। इसमें बदलाव लाया जाना चाहिए।
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