सामाजिक नेताओं पर चार्जशीट दाखिल करना दुर्भाग्यपूर्ण : खाचरियावास

जयपुर। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि आनन्दपाल एनकाउंटर प्रकरण में आनन्दपाल के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सामाजिक नेताओं पर सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व चिंताजनक है।
खाचरियावास ने कहा कि आज इस संदर्भ में सर्वजातीय संघर्ष समिति के सामाजिक नेताओं ने उनसे मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि राजनैतिक रूप से प्रेरित होकर भाजपा नेताओं ने उनकी सरकार के समय में किये गये एनकाउंटर को सही साबित करने के लिये सामाजिक नेताओं पर झूठे मुकदमें की चार्जशीट दाखिल करवा दी और आनन्दपाल एनकाउंटर को सही साबित करवा दिया।
खाचरियावास ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेताओं की भूमिका शुरू से संदेह के दायरे में रही है। जिस वक्त आनन्दपाल की माँ और उनका परिवार व गांव के लोग न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे, तब भी तत्कालीन भाजपा सरकार के नेताओं ने लाठी, गोली के दम पर आंदोलन की आवाज को दबाने की कोशिश की थी। उस वक्त के आंदोलनकारियों ने न्याय की उम्मीद को लेकर उक्त एनकाउंटर की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर दी।
राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार के नेताओं ने सुनियोजित तरीके से एनकाउंटर की जांच के साथ ही सावराद में जुटी भीड़ को लेकर एक अन्य एफआईआर दर्ज करके, वो एफआईआर सीबीआई जांच को दे दी। बड़ा आश्चर्य है कि बिना जांच किये ही सीबीआई ने जो चार्जशीट दाखिल की, उसमें कुछ ऐसे लोगों के नाम भी आ गये जो उस वक्त सावराद में मौके पर उपस्थित भी नहीं थे। इससे स्पष्ट हो गया है कि भाजपा नेताओं के दबाव में एनकाउंटर को सही साबित कर दिया और पीडि़त लोगों को न्याय दिलाने के लिये जो सामाजिक नेता आंदोलन कर रहे थे, उनको मुजरिम बनाकर चार्जशीट दाखिल कर दी गई। चार्जशीट दाखिल करते वक्त यह भी नहीं देखा गया कि कौन लोग मौके पर थे, कौन उस वक्त उपस्थित थे भी या नहीं, इससे सीबीआई जांच पूरी तरह से संदिग्ध के घेरे में आ गई है।
खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र सरकार को तुरन्त प्रभाव से सीबीआई द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट को खत्म करके सामाजिक नेताओं पर लगाये गये झूठे मुकदमे वापिस लेने चाहिए, जिससे लोगों को न्याय
मिल सकें।