निर्बाध पंजीकरण नीति, स्वागत कक्षों से मिली आमजन को राहत : धारीवाल

Shanti dharaivaala

महिला अत्याचार प्रकरणों के निस्तारण में लगने वाला समय घटकर हुआ 72 दिन,

पेपर लीक मामलों में 281 आरोपी गिरफ्तार, ट्रेप के प्रकरण, भ्रष्टाचार के कुल प्रकरण दर्ज करने में राजस्थान का दूसरा स्थान -संसदीय कार्य मंत्री

जयपुर।  ने विधानसभा में कहा कि जनता के सम्मान, जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा करना और जवाबदेह, पारदर्शी व संवेदनशील पुलिस-प्रशासन प्रदान करना राज्य सरकार का लक्ष्य रहा है। इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अपराधियों तथा माफियाओं पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जा रही है। धारीवाल गृह मंत्री की ओर से विधानसभा में मांग संख्या 18 (गृह) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने गृह विभाग की 94 अरब, 38 लाख 32 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की निर्बाध पंजीकरण नीति से आमजन को राहत मिली है। साथ ही, थानों में स्वागत कक्षों के निर्माण का ऎतिहासिक कदम उठाया गया, जहां सहानुभूति एवं संवेदनशीलता के साथ परिवादियों की बात सुनी जा रही है। थाना अधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक सभी स्तर के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से जनसुनवाई की जा रही है।

धारीवाल ने कहा कि वर्ष 2022 में भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत कुल 2 लाख 39 हजार 459 अपराध पंजीबद्ध हुये, जिनमें 1 लाख 96 हजार 914 अपराधियों को गिरफ्तार कर 2 लाख 19 हजार 934  प्रकरणों का निस्तारण किया गया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध में शीघ्र कार्यवाही कर अपराधियों को कठोर सजा दिलाई गई है। वर्ष 2022 में महिला अत्याचार प्रकरणों के निस्तारण में लगने वाला औसत समय घटकर 72 दिन, दुष्कर्म के प्रकरणों में 69 दिन, पॉक्सो एक्ट के प्रकरणों में 68 दिन एवं एस.सी./एस.टी  अत्याचार के प्रकरणों में 80 दिन रह गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में महिलाओं के विरूद्ध अपराध में सजा का प्रतिशत 42.5 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 26.5 से कहीं अधिक है।

साइबर अपराधियों पर लगाम के लिए सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने भी खोले गये

धारीवाल ने कहा कि वर्ष 2022 में राज्य में 1055 ईनामी अपराधियों, लम्बे समय से वांछित 164 घोषित अपराधियों, 1834 भगौड़ों एवं 15 हजार 411 स्थायी वारंटियों को गिरफ्तार किया गया। साइबर अपराधियों पर लगाम के लिए सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने भी खोले गये । साइबर क्राइम रोकने के लिए महानिरीक्षक के स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की गई। उन्होंने कहा कि करौली, जोधपुर, उदयपुर जिलों में घटी साम्प्रदायिक घटनाओं में पुलिस ने त्वरित कार्यवाही की। साम्प्रदायिक तत्वों के विरूद्ध अभियान चलाकर लगभग 100 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और लगभग 5 हजार को पाबन्द किया गया। पेपर लीक मामलों में 281 आरोपी गिरफ्तार किये गए है।

भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही

उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण स्थापित करना सरकार के नीतिगत दस्तावेज में शामिल है। लोक जीवन में शुचिता लाने एवं भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए एसीबी को आधुनिक व तकनीकी संसाधनों से लैस कर और अधिक सुदृढ़ बनाया जा रहा है। पिछले चार साल में एसीबी द्वारा 1799 मामले दर्ज किये गये। वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में ट्रेप के प्रकरण दर्ज करने में व भ्रष्टाचार के कुल प्रकरण दर्ज करने में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का दूसरा स्थान रहा है।