
अनुकूल मूल्यांकन और टैक्स लैंडस्केप के बीच दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एएमसी ने नया एसआईपी अभियान शुरु किया
जयपुर: यूनियन म्यूचुअल फंड ने अपनी नवीनतम तिमाही ‘स्टेट ऑफ द मार्केट’ रिपोर्ट में भारतीय इक्विटी बाजारों को उनके फेयर वैल्यू स्पेक्ट्रम* इंडिकेटर में ’अट्रैक्टिव ज़ोन’ के तौर पर अपग्रेड किया है। यह ’फेयर एंड मॉडरेटली एक्सपेंसिव’ ज़ोन से एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाता है, गौर तलब है कि कैलेंडर वर्ष 2024 में बाजार अधिकांश समय तक इसी ज़ोन में बने रहे थे।
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (यूनियन एएमसी) के मुख्य निवेश अधिकारी हर्षद पटवर्धन ने कहाः ’’वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार-संबंधी अनिश्चितताओं जैसी अल्पकालिक चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन भारत के दीर्घकालिक मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल मज़बूत बने हुए हैं। स्वस्थ कॉर्पोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की बैलेंस शीट, कर राहत और विस्तारित कल्याणकारी योजनाओं से मांग में सुधार की संभावनाएं, और एक नए निजी पूंजीगत व्यय चक्र की संभावित शुरुआत हमारे दृष्टिकोण के लिए मुख्य सकारात्मक कारक हैं।’’
इस नजरिए को पुख्ता करते हुए यूनियन एएमसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मधु नायर ने दीर्घकालिक निवेश के महत्व पर जोर दियाः ’’अल्पकालिक प्रभाव को ज्यादा आंकना और दीर्घकालिक क्षमता को कम आंकना – यह इंसान का स्वभाव है। हम अगले 10 से 15 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था और इक्विटी बाजारों के दीर्घकालिक संभावनाओं में विश्वास करते हैं। यह अंतर-पीढ़ीगत संपत्ति बनाने का एक मौका साबित हो सकता है – लेकिन केवल वही लोग संपत्ति बना पाएंगे जो अनुशासित व प्रतिबद्ध रहते हुए निरंतर निवेश करते रहेंगे। बाजार में अफरा-तफरी के इस माहौल में हम निवेशकों से आग्रह करते हैं कि वे अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर के रखें। हमारे नए एसआईपी अभियान के पीछे यही प्रेरणा हैः ’बढ़ना है तो लगे रहो, एसआईपी करो’ – यह एक आह्वान है जो इस राह पर बढ़ते चलने और लंबी अवधि के लिए लगातार निवेश करने को प्रेरित करता है।’’