अमेरिकी पैनल का दावा, गलवान झड़प चीन की साजिश थी

टॉप अमेरिकी पैनल ने दावा किया है कि गलवान घाटी में 15 जून की रात हुई झड़प चीन की साजिश थी। वहां के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे की सलाह पर ये साजिश रची गई। उन्होंने चीन सरकार से अपील की थी कि अपनी सीमाएं स्थापित करने के लिए भारत-चीन बॉर्डर पर सेना का इस्तेमाल किया जाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का मकसद जापान से भारत तक अपने पड़ोसियों को भड़काना, सैन्य और संसदीय टकराव खड़ा करना है। यूनाइटेड स्टेट्स चीन इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन (USCC) ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि गलवान झड़प साजिश थी और इसमें जानलेवा हमले की आशंका भी थी, इस बात के सबूत सामने आए हैं। सैटेलाइट की तस्वीरों से पता चलता है कि झड़प से एक हफ्ते पहले चीन ने इलाके में 1000 सैनिकों को तैनात कर दिया था।

एक महीने पहले ही शुरू हो गई थीं तनाव बढ़ाने वाली घटनाएं

रिपोर्ट में लिखा है कि जून 2020 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। यह घटना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर लद्दाख की गलवान घाटी में हुई। इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। वहीं, चीन की ओर से घायलों या मरने वाले सैनिकों की संख्या नहीं बताई गई। 1975 के बाद यह पहली बार था कि दोनों पक्षों के बीच झड़प में सैनिकों की जान गई हो। इस इलाके में मई से ही कई सेक्टरों में तनाव बढ़ाने वाली घटनाओं का सिलसिला शुरू हुआ था।

रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ एक मल्टीलेयर कैम्पेन तेज कर दिया। इससे जापान, भारत और साउथ ईस्ट एशिया के देशों के साथ उसका तनाव बढ़ा। इसके तुरंत बाद चीन के रक्षा मंत्री ने अपनी सरकार से सीमा पर हालात स्थिर करने के लिए सेना का इस्तेमाल करने की गुजारिश की।

इस रिपोर्ट में ब्रुकिंग्स इंस्टिट्यूशन की सीनियर फेलो तन्वी मदन का हवाला दिया गया है। मदन के मुताबिक, चीन का मकसद अपने दावे वाले इलाकों पर कब्जा करना था। सरकार को लगा कि वह गलवान जैसे कदमों से ऐसा कर सकती है। चीन ने भारत को LAC पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और अमेरिका के साथ गठजोड़ न करने की चेतावनी दी थी। फिर भी चीन की ये चालें काम नहीं आईं, क्योंकि अभी यह वक्त के लिहाज से ठीक नहीं है।